'ChatGPT से ज्यादा स्मार्ट हैं कुत्ते-बिल्ली'

Meta के AI चीफ ने क्यों कहा ऐसा? 

19 June 2023

Aajtak.in

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस साल की शुरुआती से ही चर्चा में हैं. लोग इस पर तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं. मेटा के AI चीफ ने भी इसे लेकर एक बड़ी बात कही है.

AI पर हर तरफ चर्चा 

जहां लोगों को डर सता रहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानियत को खत्म कर देगा. वहीं Facebook की पैरेंट कंपनी Meta के चीफ AI साइंटिस्ट Yann LeCun की राय बिलकुल अलग है. 

Meta के AI चीफ ने क्या कहा?

Yann LeCun का मानना है कि ChatGPT जैसे प्रोग्राम बहुत सीमित हैं, क्योंकि ये लार्ज लैंग्वेज मॉडल पर ट्रेंड हैं. उन्होंने ये बातें 14 जून को Viva Tech कॉन्फ्रेंस में कही हैं. 

Yann ने ChatGPT पर क्या कहा

Yann ने बताया, 'वो सिस्टम्स बहुत सीमित हैं, उन्होंने रियल वर्ल्ड के बारे में कोई जानकारी नहीं है. क्योंकि इन्हें टेक्स्ट और बहुत सारे टेक्स्ट पर ट्रेन किया गया है.'

'सीमित हैं ऐसे सिस्टम'

उन्होंने कहा कि दूसरी तरफ ज्यादातर इंसान जो सीखते हैं उन्हें लैंग्वेज से कोई लेना देना नहीं है. ह्यूमन एक्सपीरियंस को AI कैप्चर नहीं कर सकता है. 

AI नहीं कर सकता कैप्चर 

इसका ये मतलब है कि AI चालाक दिख सकते हैं, कई एग्जाम पास कर सकते हैं, लेकिन ये सिंपल टास्क को नहीं सीख सकता है. Yann ने कहा कि 10 साल बच्चा ये काम 10 मिनट में सीख सकता है. 

AI चालाक है

मेटा के AI चीफ वीडियो के जरिए AI को ट्रेनिंग देने पर काम कर रहे हैं, लेकिन ये टास्क सिर्फ टेक्स्ट के जरिए ट्रेनिंग के मुकाबले काफी मुश्किल है. 

वीडियो के जरिए ट्रेनिंग

उन्होंने कहा, 'जब तक हम ऐसा नहीं कर सकते हैं, तब तक हमें इंसानों जैसी इंटेलिजेंस नहीं मिलेगी. यहां तक कि कुत्ते और बिल्ली जैसी भी इंटेलिजेंस हमें देखने को नहीं मिलेगी.'

नहीं मिलेगी इंटेलिजेंस

हालांकि, Yann का मानना है कि भविष्य में हम उस पॉइंट तक पहुंच जाएंगे. यहां मशीन इंसानों और डॉग्स दोनों से ज्यादा स्मार्ट होंगी, लेकिन इससे इंसानों को कोई खतरा नहीं होगा.

इंसानों को कोई खतरा नहीं