टॉयलेट पेपर बनाने से हुई शुरू
नोकिया का नाम आते ही दिल-ओ-दिमाग पर एक मजबूत और दमदार फोन की तस्वीर आ जाती है. नोकिया को आम लोगों शायद अपने दमदार फीचर्स फोन्स के लिए ही जानते हैं.
एक वक्त ऐसा था कि मोबाइल फोन मार्केट में नोकिया का राज हुआ करता था. लेकिन बीतते वक्त के साथ नोकिया ने अपनी चमक खो दी और फिर एक दिन ऐसा भी आया जब ये ब्रांड बिक गया.
क्या आप नोकिया के कारोबार के बारे में जानते हैं? ये कंपनी सिर्फ स्मार्टफोन ही नहीं बनाती है बल्कि दुनियाभर में टेलीकॉम और नेटवर्किंग से जुड़े इक्विपमेंट भी सप्लाई करती है.
मगर इसकी शुरुआत टेलीकॉम या फिर मोबाइल फोन बिजनेस से नहीं हुई थी. शुरुआती दिनों में Nokia टॉयलेट पेपर बनाया करती थी.
कंपनी का नाम Nokia शहर और Nokianvirta नदी के नाम पर रखा गया था. इसकी शुरुआत 12 मई 1865 में हुई थी. उस वक्त कंपनी सिंगल पेपर मिल ऑपरेट करती थी.
19वीं सदी में कंपनी एक्सपैंड होती रही और तमाम नए प्रोडक्ट्स बनाती रही. साल 1967 में नोकिया कार्पोरेशन की स्थापना हुई. शुरुआती दिनों में कंपनी पेपर और रबर के प्रोडक्ट्स बनाती थी.
इसके बाद ब्रांड ने इलेक्ट्रिकल केबल्स की मैन्युफैक्चरिंग शुरू की. 20वीं सदी के अंत में कम्प्युटर और मोबाइल फोन्स पॉपुलर हो रहे थे. कंपनी ने इस सेक्टर में कदम रखने का फैसला किया.
1979 में नोकिया ने Salora के साथ मिलकर Mobira Oy ब्रांड स्टैब्लिश किया, जो मोबाइल फोन डेवलप करती थी. साल 1981 में कंपनी के फोन्स कर्मशियली उपलब्ध हुएं.
साल 2000 में कंपनी ने Nokia 3310 लॉन्च किया, जो काफी पॉपुलर हुआ. इसके बाद कंपनी ने Nokia 1100 लॉन्च किया. मगर iPhone, Blackberry और Android के आने के बाद नोकिया को बड़ा झटका लगा.
फिर एक वक्त ऐसा आया कि कंपनी मार्केट में अपने कंपटीशन से काफी ज्यादा पिछड़ गई. इसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ने इस ब्रांड का अधिग्रहण किया, जिसे कंपनी ने HMD ग्लोबल को बेच दिया.