भारत में कब आया पेजर और कैसे बाजार से हो गया बाहर? 

18 Sep 2024

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लेबनान और सीरिया के कुछ इलाकों में मंगलवार को सिलसिलेवार ब्लास्ट हुए. इस ब्लास्ट में पेजर का इस्तेमाल किया. आइए पेजर के बारे में जानते हैं. 

पेजर से किया ब्लास्ट 

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पेजर को भारत में BPL के अलावा कई अन्य कंपनियों ने 1995 में लॉन्च किया. इसके बाद सन 2000 और 2002 के आसपास पॉपुलर हुआ. 

भारत में कब आया पेजर? 

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पेजर एक छोटा वायरलेस कंम्यूनिकेशन डिवाइस होता है, जिसे खासतौर से मैसेज सेंड करने और रिसीव करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे बीपर भी कहा जाता है.

क्या होता पेजर?

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पेजर पर मैसेज भेजने के लिए एक प्रोसेस को फॉलो करना होता था. इसके लिए एक नंबर पर कॉल करके पेजर नंबर बताकर मैसेज भेजने के लिए कहा जाता था.

कैसे इस्तेमाल करते थे पेजर? 

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भारत में मोबाइल की लॉन्चिंग के बाद जैसे-जैसे फोन किफायदी होने लगे, पेजर बाजार से गायब होने लगे. 

कैसे हो गया गायब? 

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मोबाइल पेजर की तुलना में ज्यादा एडवांस थे. यह सिर्फ मैसेज तक सीमित नहीं थे, मोबाइल की मदद से कॉल, मैसेज आदि को आसानी से कर सकते थे.  

पेजर खत्म होने की वजह 

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दुनिया का सबसे पहला पेजर 1921 में तैयार किया था. इसको सबसे पहले अमेरिकी के Detroit Police डिपार्टमेंट के लिए तैयार किया था.

दुनिया में कब आया पेजर? 

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इसके बाद पहला मॉडर्न पेजर Motorola ने 1959 में तैयार किया. इसका नाम Pageboy I था. इसमें यूजर्स को नोटिफाई किया जाता था.

 Motorola ने किया तैयार

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इसके बाद धीरे-धीरे इसे एडवांस किया. फिर इसमें दो तरफ कम्युनिकेशन को तैयार किया,जिसमें यूजर्स मैसेज रिसीव और सेंड कर करते थे. इसका इस्तेमाल डॉक्टर्स और बहुत से लोग करते थे.

फिर आया एडवांस वर्जन  

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