By: Aajtak.in
भारत एक ऐसा देश है, जहां UPI सिस्टम काफी लोकप्रिय है. इसका फायदा सिर्फ आम लोगों को ही नहीं बल्कि कई धोखाधड़ी करने वाले भी उठा रहे हैं.
दरअसल, लेटेस्ट जानकारी में सामने आया है कि साल 2022 में 95 हजार UPI fraud के मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि 2021-22 तक ये आकड़ा 84,000 केस का था.
TOI की रिपोर्ट्स क मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने बताया कि साल 2022 में 11717 UPI fraud के मामले दर्ज किए गए, जबकि साल 2021 में 5577 केस सामने आए थे.
कोविड-19 संक्रमण आने के बाद UPI fraud से संबंधित मामलों में इजाफा हुआ है. इस दौरान लोगों में ऑनलाइन और UPI ट्रांजेक्शन को तेजी से अपनाया है.
कई रिपोर्ट्स में देखा जा चुका है कि स्कैमर्स धोखधड़ी करने के लिए फर्जी मैसेज और फेक लिंक का इस्तेमाल करते हैं. बीते कुछ साल में हमने व्हाट्सऐप स्कैम, KYC स्कैम, पार्ट टाइम जॉब और मुफ्त मूवी टिकट का झांसा देकर UPI कंट्रोल ले लेते हैं.
ऑनलाइन फ्रॉड में देखा है कि यूजर्स के पास फर्जी लिंक होता है, जो वास्तव में UPI मनी रिक्वेस्ट लिंक होता है, जिस पर क्लिक करते ही बैंक अकाउंट से ऑटोमैटिक रुपये ट्रांसफर हो जाते हैं.
धोखाधड़ी करने वाले, यूजर्स को फर्जी QR शेयर करते हैं और उसे स्कैन कराकर वह लाखों रुपये का चूना लगा देते हैं.इससे पहले कई स्कैमर्स UPI का एक्सेस ले लेते हैं.
धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए यूजर्स आमतौर पर UPI Pin या OTP की डिमांड कर देते हैं, जिसे देने पर यूजर्स का खाता खाली हो जाता है. ध्यान दें कि UPI एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म है, पिन और OTP किसी के साथ शेयर न करें.
बीते एक-दो साल का ट्रेंड देखें तो स्कैम के दौरान यूजर्स से OTP की डिमांड की जाती है, जिसके लिए वह अलग-अलग तरीके फॉलो कर सकते हैं.