स्टाफ को सता रहा डर
TikTok के भारत में बैन होते ही दुनियाभर के तमाम शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म्स सामने आए हैं. इसमें YouTube Shorts से लेकर इंस्टाग्राम Reels तक शामिल हैं.
टिकटॉक के बैन होने के सबसे ज्यादा फायदा भी YouTube Shorts और Instagram Reels को ही मिला. अब ये शॉर्ट वीडियो YouTube के लिए मुसीबत बनते दिख रहे हैं.
दरअसल, YouTube एक लॉन्ग फॉर्मेट वीडियो प्लेटफॉर्म है और शॉर्ट वीडियो इनके कोर बिजनेस के विपरीत काम करते हैं. ऐसे में शॉर्ट वीडियो का पॉपुलर होना YouTube के लिए फायदेमंद नहीं है.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, YouTube का स्टाफ Shorts के पॉपुलर होने से चिंतित है. क्योंकि ये कंपनी के प्राइमरी रेवेन्यू सोर्स को प्रभावित कर रहा है.
शॉर्ट की वजह से YouTube पर व्यूज और कंटेंट क्रिएशन बढ़ा है, लेकिन इसकी वजह से लोग लॉन्ग फॉर्मेट वीडियो से दूर जाते हुए भी दिख रहे हैं.
कंपनी लॉन्ग फॉर्मेट वीडियो पर आसानी से ऐड्स दिखाकर पैसे कमाती है. शॉर्ट वीडियो को बढ़ावा मिलने से लॉन्ग टर्म में कंपनी के इस बिजनेस पर असर पड़ेगा.
इतना ही नहीं अब कंटेंट क्रिएटर्स भी शॉर्ट वीडियो ज्यादा क्रिएट कर रहे हैं. इस वजह से यूट्यूब स्टाफ चिंतित है. स्टाफ को लगता है कि YouTube को इसे बैलेंस करने की जरूरत है.
अक्टूबर 2022 में YouTube ने पहली बार तिमाही रेवेन्यू में गिरावट दर्ज की. कंपनी ने साल 2020 में रेवेन्यू की जानकारी देना शुरू की थी.
हालांकि, इन सभी चुनौतियों के बीच YouTube शॉर्ट वीडियो को इग्नोर नहीं कर सकता है. इन सभी के साथ YouTube ने शॉर्ट्स को चुनौती नहीं बल्कि कॉम्प्लिमेंट के तौर पर डिजाइन किया है.