20 Mar 2025
Credit: AI Image
क्या आपको भी लगता है कि आपका स्मार्टफोन वाटरप्रूफ है? तो आप एक बड़े धोखे में हैं. दरअसल, स्मार्टफोन कंपनियां लोगों को लुभाने के लिए ऐसे ऐड्स दिखाती हैं.
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ये स्मार्टफोन्स IP रेटिंग के साथ आते हैं, लेकिन इनका ये मतलब नहीं होता है कि आपका फोन वाटरप्रूफ है. सवाल है कि IP रेटिंग का मतलब क्या होता है.
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IP रेटिंग का मतलब Ingress Protection होता है. मतलब फोन के पोर्ट्स और होल्स कितने प्रोटेक्टेड हैं. इसमें दो डिजिट होते हैं.
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एक डस्ट प्रोटेकशन के लिए और दूसरा वाटर प्रोटेक्शन को दिखाता है. पहला अंक दिखाता है कि आपका फोन डस्ट जैसे ठोस पार्टिकल्स से कितना सुरक्षित है.
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वहीं दूसरा डिजिट लिक्विड के लिए होता है. अब मान लीजिए कोई फोन IP68 रेटिंग के साथ आता है. इसका मतलब है कि वो उसमें 6वें स्तर की डस्ट प्रोटेक्शन मिलती है.
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वहीं वाटर या लिक्विड के मामले में यूजर्स को 8वें स्तर की प्रोटेक्शन मिलेगी. इसका मतलब है कि फोन 1.5 मीटर तक पानी में 30 मिनट तक सर्वाइव कर सकता है.
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हालांकि, ध्यान देने वाली बात ये है कि इन टेस्ट्स को कंट्रोल एनवायरनमेंट में किया जाता है. जबकि असल जीवन में स्थिति अलग होती है.
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इसलिए फोन्स को वाटरप्रूफ तो नहीं कहा जा सकता है. वे वाटर रजिस्टेंट हो सकते हैं. यानी पानी में कुछ वक्त तक सर्वाइव कर सकते हैं.
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अगर कोई कंपनी बताती कि उनका फोन वाटरप्रूफ है, तो ध्यान रखें कि ये कंपनी की मार्केटिंग है. फोन फिलहाल वाटरप्रूफ नहीं होते हैं.
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