मिलेगी 10 लाख रुपये सैलरी
iQOO पिछले कई महीनों से अपने लिए चीफ गेमिंग ऑफिसर तलाश रही थी. कंपनी ने आखिरकार एक शख्स को इस पोस्ट के लिए नियुक्त कर लिया है.
श्वेतांक पांडे कंपनी के पहले चीफ गेमिंग ऑफिसर होंगे, जिन्हें तीन महीनों की चयन प्रक्रिया के बाद नियुक्त किया गया है.
श्वेतांक की उम्र 23 साल है और उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं. इस पद के लिए उनका सलेक्शन 60 हजार एप्लीकेंट्स में से हुआ है.
iQOO के CGO का काम गेमिंग इंगेजमेंट और एक्सपीरियंस को रिडिफाइन करने में कंपनी की मदद करना होगा. उनका सलेक्शन गेमिंग नॉलेज, गेम्स पर कमांड और कम्युनिकेशन स्किल पर हुआ है.
कंपनी की मानें तो श्वेतांक ने एक कंपनी के आकर्षक ऑफर को छोड़ा है. उन्होंने गेमिंग के लिए MBA ना करने का भी फैसला किया.
इस मामले में श्वेतांक का कहना है कि उन्हें iQOO का पहला CGO बनकर अच्छा लग रहा है. ये सफर उनके लिए यादगार होगा और वो आभारी हैं कि उन्हें गेमिंग कम्युनिटी के लिए कंट्रीब्यूट करने का मौका मिला.
iQOO के CEO Nipun Marya ने श्वेतांक की नियुक्ति पर उनका स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि श्वेतांक की अपॉइंटमेंट भारतीय स्मार्टफोन इंडस्ट्री में एक माइलस्टोन है.
कंपनी की मानें को श्वेतांक देश के दूसरे पॉपुलर गेमर्स से कोलाबोरेट करेंगे. उन्हें 10 लाख रुपये 6 महीनों के लिए दिए जाएंगे. iQOO चीनी स्मार्टफोन कंपनी Vivo का सब-ब्रांड है.
कंपनी भारतीय बाजार में परफॉर्मेंस बेस्ड डिवाइसेस को लॉन्च करती है. हालांकि, कंपनी अपने डिवाइसेस की ब्रांडिंग गेमिंग फोन्स के तौर पर करती है.