28 Oct 2024
Credit: AI Image
AI ने आज के समय में एक नया मुकाम हासिल कर लिया है, अब इस तकनीक का इस्तेमाल करके यूजर्स आसानी से किसी शख्स या महिला से मिलता-जुलता वीडियो तैयार कर सकते हैं.
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फेक वीडियो और ऑडियो की मदद से आपको कई तरह के नुकसान पहुंचा सकते हैं. यहां तक की साइबर ठग इससे आपको शिकार बना सकते हैं और कई लाखों रुपये उड़ा सकते हैं.
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यहां आज आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप आसानी AI Video और ओरिजनल वीडियो को पहचान सकते हैं.
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AI और असली वीडियो के बीच में अंतर करना बहुत ही आसान है, इसके लिए आपको कुछ खास टिप्स फॉलो करना होगा.
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AI जनरेट फेक वीडियो पहचानने के लिए फेशियल फीचर मूवमेंट पर ध्यान दें. खासकर लिप्सिंग और ब्लिंकिंग पैटर्न को देखें.
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AI जनरेट फेक वीडियो के अंदर यूजर्स जब चेहरे के किनारों को देखेंगे, तो पता चलेगा कि वह ब्लर हो रहे हैं. हालांकि ओरिजनल वीडियो में ऐसा नहीं होता है.
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AI जनरेट फेक वीडियो और ओरिजनल वीडियो के बीच अंतर को पहचानने के लिए जरूरी है कि आप लाइटिंग और शेड को देखें. अगर वीडियो असली है तो फेस पर लाइट पड़ रही तो बैकग्राउंड में शैडो नजर आएगी.
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AI जनरेट फेक वीडियो और असली वीडियो को पहचानने के लिए जरूरी है कि वीडियो के Metadata के एनालाइज करें.
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Metadata को एनालाइज करके उस वीडियो का क्रिएशन डेट, एडिटिंग हिस्ट्री और सॉफ्टवेयर आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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ओरिजन वीडियो में आमतौर पर रिकॉर्डिंग की डिटेल्स होती है. इसमें डेट समेत कई डिटेल्स मौजूद हैं, जबकि AI जनरेट फेक वीडियो में ऐसा कुछ नजर नहीं आता है.
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कई प्लेटफॉर्म AI जनरेट कंटेंट पर वॉटरमार्क या फिर कोई ऐसा साइन छोड़ते हैं. ऐसा वे इसलिए करते हैं ताकि असली वीडियो और AI जनरेट फेक वीडियो के बीच अंतर किया जा सके.
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