क्या फोन से होता है कैंसर? एक कोड से चेक कर सकते हैं SAR वैल्यू 

13 Mar 2024

क्या आपको भी लगता है कि स्मार्टफोन्स की वजह से कैंसर होता है? कई बार आपने लोगों को इस पर चर्चा करते हुए सुना होगा. 

फोन से कैंसर होता है? 

क्या सच में स्मार्टफोन्स इतने खतरनाक होते हैं? लेटेस्ट रिपोर्ट्स की मानें तो ऐसा कुछ भी नहीं है. फोन की वजह से कैंसर होता है ऐसा किसी रिपोर्ट में साबित नहीं हो पाया है. 

अब तक नहीं हुआ साबित

फिर भी फोन की वजह से हमारे शरीर पर असर तो पड़ता है. इसकी वजह रेडिएशन होती है. फोन हमारे लिए कितना खतरनाक है इसका अंदाजा आप SAR वैल्यू से लगा सकते हैं. 

शरीर पर क्या होता है असर? 

SAR यानी स्पेसिफिक एब्जॉर्बशन रेट, हमारे शरीर द्वारा एब्जॉर्ब होने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी को मापने की यूनिट है. यानी हमारे शरीर पर फोन का कितना असर होता है. 

क्या है SAR वैल्यू? 

किसी स्मार्टफोन को यूज करते हुए हमारा शरीर कितनी रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्जॉर्ब करता है, इसे SAR वैल्यू से मापा जाता है. फोन खरीदते हुए आपको ये जरूर चेक करना चाहिए.

जरूर करना चाहिए चेक 

वैसे तो किसी भी स्मार्टफोन की SAR वैल्यू स्मार्टफोन के बॉक्स पर दी होती है. आप चाहें तो एक कोड की मदद से इसे चेक कर सकते हैं. 

एक कोड से चेक कर सकते हैं

भारत में DoT (डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन) के मोबाइल फोन के लिए 1.6W/Kg (1 ग्राम से टिशू पर) की वैल्यू तय की है. 

भारत में कितनी है तय वैल्यू 

आप अपने फोन की SAR वैल्यू बहुत ही आसानी से चेक कर सकते हैं. इसके लिए आपको स्मार्टफोन के डायलिंग पैड पर जाना होगा. 

कैसे चेक कर सकते हैं? 

यहां आपको *#07# टाइप करना होगा. इस कोड को लिखते ही आपके फोन स्क्रीन पर SAR वैल्यू की डिटेल्स आ जाएंगी. यहां आपको सिर और शरीर के लिए अलग-अलग वैल्यू दिखेगी.

डायल करना होगा ये कोड 

अलग-अलग स्मार्टफोन के लिए हेड और बॉडी की SAR वैल्यू अलग आती है. सिर के लिए ये वैल्यू 1.6W/Kg होती है, जबकि बॉडी के लिए ये 0.08W/Kg होती है.

कितनी होती है एवरेज वैल्यू?