23 Oct 2024
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साइबर ठगी के आए दिन नए-नए केस सामने आ रहे हैं. आम आदमी से लेकर डॉक्टर या फिर मेडिकल कॉलेज के डीन तक शिकार बन रहे हैं.
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साइबर ठग किसी को भी शिकार बना सकते हैं, फिर चाहें आपके बैंक अकाउंट में कुछ ही रुपये हों. वे आपके नाम पर पर्सनल लोन ले सकते हैं. यहां साइबर ठगों को पहचाने के तरीके बताने जा रहे हैं.
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अनजान नंबर से आने वाला कॉलर अगर आपको डराने या धमकाने की कोशिश करता है, तो सबसे पहले उसकी डिटेल्स मांगें. उसकी कंपनी का नाम, उसकी लोकेशन और अन्य डिटेल्स मांगे.
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कॉलर के दावे को चेक करने के लिए आप कंपनी या सरकारी एजेंसी की वेबसाइट पर दिए गए नंबर पर कॉल कर सकते हैं. इसके बाद उस शख्स की डिटेल्स को चेक करें.
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साइबर क्रिमिनल्स अक्सर जल्दी कार्य करने का दबाव बनाते हैं. इसमें वे कई तरह के झांसे देकर फंसा सकते हैं, जैसा आपका नंबर बंद हो जाएगा या फिर आपका खाता बंद हो जाएगा आदि.
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साइबर ठग कॉलर आईडी स्पूफिंग की मदद से रिसीवर को दिखाते हैं कि वह कोई पुराने जानकार हैं या फिर बैंक आदि से कॉल रहे हैं. इसके बाद वे सेंसटिव डिटेल्स चोरी कर लेते हैं.
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अगर वह आपकी बैंक डिटेल्स आदि मांगते या फिर रुपये ट्रांसफर करने को कहता है, तो तुरंत सतर्क हो जाइये. यह साइबर ठगी की निशानी है.
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साइबर ठगों अगर कोई मैसेज या लिंक भेजा जाता है और उस पर क्लिक करने को कहता है, तो ऐसा कभी ना करें. ये एक लिंक आपका बैंक खाता खाली कर सकता है.
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अगर सामने वाला शख्स आपके ऊपर दबाव बनाता है, तो सबसे पहले उस कॉल को काट दें. इसके बाद अपने किसी परिचित या दोस्त को इसके बारे में बताएं.
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