ना OTP, ना कोई फोन कॉल, फिंगरप्रिंट चुराकर खाली कर रहे बैंक अकाउंट

15 July 2024

स्कैमर्स लोगों को ठगने के लिए नए-नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं. अब तक ऑनलाइन स्कैम में लोगों को OTP आता था या फिर वे किसी लिंक पर क्लिक करते थे.

स्कैम के नए-नए तरीके 

हालांकि, अब स्कैमर्स ने लोगों को ठगने का नया तरीका खोज लिया है. इस तरीके में स्कैमर्स लोगों को फंसा नहीं रहे हैं, बल्कि उनकी डिटेल्स चुरा रहे हैं. 

डिटेल्स चुरा रहे हैं स्कैमर्स 

हाल में ही पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया है. बिहार पुलिस ने बताया कि ये स्कैमर्स पहले लैंड अलॉटमेंट की डिटेल्स निकालते हैं. 

पुलिस ने किया खुलासा 

यहां पर यूजर्स के आधार कार्ड और उनका फिंगरप्रिंट (अंगूठे का निशान) दोनों ही उन्हें मिल जाता है. स्कैमर्स ने आंध्र की लैंड अलॉटमेंट वेबसाइट्स से ये डिटेल्स निकाली थी. 

आधार- फिंगरप्रिंट दोनों चुराया

इन डिटेल्स की मदद से फ्रॉड्स के पास यूजर का आधार कार्ड और फर्जी थंब इम्प्रेशन होता है. इसकी मदद से फ्रॉडस्टर्स लोगों के पैसे निकालते हैं. 

फर्जी धंब इम्प्रेशन बनाया 

स्कैमर्स लोगों के पैसे निकालने के लिए AePS सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं. AePS यानी आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम को साल 2014 में लॉन्च किया गया था. 

AePS का करते हैं इस्तेमाल 

इस सर्विस का मकसद उन लोगों को बैंकिंग सुविधा देना था, जो रिमोट एरिया में रहते हैं और उनके आस-पास बैंक या उसकी कोई ब्रांच नहीं है. 

क्या होता है AePS? 

ऐसी जगहों पर AePS का इस्तेमाल करके पैसे निकाले जा सकते थे. इसके लिए लोगों को अपने नजदीकी जन सुविधा केंद्र पर जाना होता है. 

कहां पर होता है इस्तेमाल? 

AePS का इस्तेमाल करके पैसे निकालने के लिए यूजर को अपना आधार नंबर और बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन यूज करना होता है.

कैसे होता है यूज? 

इससे बचने के लिए आप वर्चुअल आधार ID का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस ID की वजह से आपकी ओरिजनल आधार डिटेल्स छिपी रहेंगी. 

कैसे बच सकते हैं आप? 

इसके अलावा सरकारी वेबसाइट्स को अपनी साइबर सिक्योरिटी मजबूत करनी होगी, जिससे स्कैमर्स के हाथ ये डिटेल्स ना लगें. 

बेहतर करनी होगी सिक्योरिटी