कहीं आप तो नहीं करते ये गलती
क्या आप भी फ्री Wi-Fi यूज करते हैं? कई जगहों पर पब्लिक वाईफाई उपलब्ध होता है. बहुत से यूजर्स ऐसे वाईफाई कनेक्शन की तलाश में रहते हैं, लेकिन ये काफी महंगा पड़ सकता है.
पब्लिक वाईफाई यूज करते हुए आपको कई बातों का ध्यान रखना होता है. दरअसल, स्कैमर्स कई बार फ्री Wi-Fi का जला बिछाकर रखते हैं, जिसकी वजह से यूजर्स के फोन में सेंधमारी कर पाते हैं.
ऐसा एक तरीका Man-in-the-Middle अटैक होता है. ज्यादातर पब्लिक वाईफाई एन्क्रिप्टेड नहीं होते हैं. इसका फायदा उठाकर हैकर्स आसानी से आपका डेटा चुका सकते हैं.
दरअसल, पब्लिक वाईफाई में सिर्फ दो पार्टिसिपेंट्स ही नहीं होते हैं. बल्कि इसमें दोनों के बीच एक थर्ड पार्टी इंटरसेप्शन होता है.
इसकी वजह से डेटा सीधे सर्वर और क्लाइंट के बीच ट्रांसफर नहीं होता है. बल्कि ये लिंक ब्रेक रहती है. इसका फायदा हैकर्स उठाते हैं और वे यूजर्स को एक फेक वर्जन दिखाते हैं.
कोई भी यूजर इस तरह की हैकिंग का शिकार हो सकता है. इसकी वजह पब्लिक वाईफाई के बीच शेयर होने वाली इंफॉर्मेशन का एन्क्रिप्टेड ना होना होता है.
इसका फायदा उठाकर हैकर्स आपके फोन में सेंधमारी कर सकते हैं और आपके पर्सनल डेटा को चुरा सकते हैं. हैकर्स के हाथ आपका पर्सनल डेटा भी लग सकता है.
अगर आप एक पब्लिक वाईफाई यूज कर रहे हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें. किसी भी तरह के पासवर्ड को एंटर करने से पहले उस पेज का URL देखें.
अगर URL में आपको https नजर नहीं आता है, तो तुरंत ही लॉगआउट कर जाएं. यहां तक की आपके फोन का ब्राउजर भी इस तरह की वेबसाइट को ओपन करने से पहले आपको वॉर्निंग देता है. उसे इग्नोर ना करें.