04 Feb 2024
पिछले कुछ दिनों से FASTag चर्चा में है. चर्चा की वजह पहले KYC की आखिरी डेट थी, बाद में Paytm Bank पर की गई RBI की कार्रवाई.
अब कई लोगों के मन में सवाल है FASTag काम कैसे करता है. ये Radio-Frequency Identification (RFID) टेक्नोलॉजी पर काम करता है.
RFID का इस्तेमाल करके FASTag के जरिए पेमेंट होती है. इस टेक्नोलॉजी के तहत वीइकल पर एक स्टिकर लगा होता है और एक रीडर टोल बूथ पर होता है.
हर RFID स्टिकर एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर के साथ आता है, जो यूजर्स के प्रीपेड अकाउंट से लिंक होता है. यूजर्स को ये प्रीपेड अकाउंट क्रिएट करना होता है.
इस प्रीपेड अकाउंट को किसी बैंक या सर्टिफाइड एजेंसी से लिया जा सकता है. ये अकाउंट वीइकल पर लगे फास्टैग स्टिकर से लिंक कर दिया जाता है.
अब जैसे ही वीइकल किसी टोल प्लाजा के पास पहुंचती है. RFID रीडर गाड़ी पर लगे फास्टैग स्टिकर को डिटेक्ट करता है.
इसके बाद यूजर के अकाउंट से टोल के चार्ज ऑटोमेटिक कट जाता है. ये प्रॉसेस बिना किसी दिक्कत के होता है, जिससे मैन्युअल तरीके से टोल पर पैसे देने में लगने वाला वक्त बचता है.
यूजर्स को ट्रांजेक्शन की जानकारी SMS और ईमेल के जरिए हो जाती है. यूजर्स को अपने प्रीपेड अकाउंट को रिचार्ज करते रहना पड़ता है.
FASTag के इस्तेमाल से लोगों का वक्त भी बचता है. इससे बेवजह खर्च होने वाले तेल की बचत होती है और टोल पर लंबा जाम नहीं लगता है.