सरकार ने आम लोगों और सेलिब्रीटी की प्राइवेसी और उनको लेकर गलत जानकारी फैलाने वाले पोस्ट को लेकर सख्ती बरती है. इसको लेकर सरकारी ने सोशल मीडिया फर्म को चेतावनी दी.
सरकार ने फेसबुक और Youtube समेत कई सोशल मीडिया फर्म को चेताया है कि वे अपने यूजर्स को याद दिलाएं कि deepfakes या मिस इंफोर्मेशन फैलाना प्रतिबंधित है.
दरअसल, समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि यह चेतावानी आईटी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक बंद कमरे में हुई बैठक में दी.
दरअसल, हाल ही में सरकार और बड़ी इंटरनेट कंपनियों के बीच एक बैठक हुई, जहां उन्हें अपने उपयोगकर्ता के दिशा निर्देशों को अपडेट को एक सप्ताह दिया, जिन्होंने 2022 के नियमों अपडेट नहीं किया है, उन्हें लागू करने को कहा.
दरअसल, यह नियम बच्चों के लिए हानिकारक, अश्लील या किसी अन्य व्यक्ति को कॉपी करने वाले कंटेंट को प्रतिबंधित करता है.
दरअसल, केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी कहा, सरकार भी deepfakes की प्रोब्लम को सॉल्व करने का काम कर रही है.
Deepfakes एक वीडियो और इमेज जनरेटर प्लेटफॉर्म है, जो AI की मदद से डुप्लीकेट फोटो या वीडियो जनरेट करता है. यह मिस इंफोर्मेशन फैला सकता है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, सोशल मीडिया फर्म फेसबुक और Youtube को लॉगइन करते समय अवश्य ही इस संबंध में यूजर्स को जागरुक करना चाहिए.
हाल ही में डीपफेक उस समय काफी चर्चा में आया था, जब रश्मिका मंदाना का एक एक ऐसा ही फर्जी डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था.