खो गया SIM, तो वापस पाने का ये है तरीका
साइबर फ्रॉड्स के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. अपराधी इस तरह के फ्रॉड में फर्जी सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं कई मामलों में फ्रॉडस्टर्स ने कुछ लोगों के SIM Swap भी कर लिए हैं.
इस तरह के अटैक में साइबर अपराधी आपकी डिटेल्स के आधार पर आपके नंबर (सिम कार्ड) का एक्सेस हासिल कर लेते हैं. इससे उन्हें आपके बैंकिंग मैसेज तक आने लगते हैं.
इसका फायदा उठाकर स्कैमर्स बड़ी ही आसानी से लोगों के बैंक अकाउंट्स भी खाली कर ले रहे थे. सरकार ने इन्हें रोकने के लिए SIM Swaping के नियमों में बदलाव किया है.
सरकार ने पहले से लागू नियमों को डिस्कंटीन्यू कर दिया है. अब यूजर्स को सिम स्वैपिंग के लिए E-KYC या डिजिटल KYC प्रॉसेस को फॉलो करना होगा.
इतना ही नहीं आपका सिम कार्ड डेमोग्राफिक डिटेल्स (ऐड्रेस को छोड़कर) और फोटोग्राफ के मैच होने पर ही एक्टिवेट होगा. इसका ध्यान लाइसेंसी को रखना होगा.
लाइसेंस को SIM Swaping के वक्त यूजर्स के सभी डेटा को स्टोर करके रखना होगा. नया सिम कार्ड एक्टिव होने के 24 घंटे बाद उस नंबर पर SMS की सुविधा एक्टिवेट की जाएगी.
इससे साइबर अपराधियों को रोकने में बड़ी कामयाबी मिलेगी. कई ऐसे मामले देखे गए हैं, जब क्रिमिनल्स ने गलत तरीके से लोगों के सिम का एक्सेस हासिल कर लिया है.
इसके अलावा सरकार ने नए SIM के नियमों में भी बदलाव किया है. इस बदलाव का असर कंज्यूमर्स के साथ पॉइंट ऑफ सेल यानी सेलर पर भी पड़ेगा.
नए नियमों को 1 अक्टूबर से लागू किया जाएगा. नए बदलाव में पॉइंट ऑफ सेल के वेरिफिकेशन को जरूरी कर दिया गया है, जिसे टेलीकॉम कंपनियों को कराना होगा.