By: Aajtak.in
Google को अगले 30 दिनों में 1,337.76 करोड़ रुपये भरने हैं. ये फैसला NCLAT ने दिया है, लेकिन गूगल पर ये फाइन CCI ने लगाया था.
NCLAT (नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल) की दो मेंबर्स की बेंच ने गूगल को 30 दिनों में ये फाइन जमा करने का आदेश दिया है.
CCI यानी कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने पिछले साल अक्टूबर में गूगल पर एंड्रॉयड मोबाइल डिवाइसेस में एंटी-कंपटीटिव प्रैक्टिस के लिए ये फाइन लगाया था.
इसके अलावा CCI ने गूगल को गलत बिजनेस प्रैक्टिसेस को बंद करने का भी आदेश दिया था. Google ने CCI के इस आदेश को NCLAT में चुनौती दी थी.
दरअसल, कंपनियां CCI के आदेश को NCLAT में चुनौती दे सकती हैं. हालांकि, Google को इस मामले में NCLAT से कोई राहत नहीं मिली है.
CCI ने अपने आदेश में कहा था कि गूगल ने एंड्रॉयड फोन्स के सेक्टर में अपनी मजबूत उपस्थिति का गलत फायदा उठाया है. उस वक्त गूगल पर एक और मामले में 936.44 करोड़ रुपये का फाइन लगा था.
ये दोनों ही फाइन अलग-अलग मामलों में लगाए गए थे, लेकिन दोनों ही मामले एंटी-कंपटीशन प्रैक्टिस से जुड़े हुए थे. अब गूगल को 30 दिनों के अंदर 1,337.76 करोड़ रुपये का फाइन भरना होगा.
गूगल पर भारत ही नहीं दूसरे देशों में भी एंटी-कंपटीशन प्रैक्टिस की वजह से फाइन लग चुका है. इसकी वजह से ही गूगल ने हाल में ही डिफॉल्ट ऐप्स को डिलीट करने का ऑप्शन जोड़ने की बात कही थी.
यानी अब आपको Android फोन में गूगल के ऐप्लिकेशन्स डिफॉल्ट रूप से नहीं मिलेंगे. बल्कि आप अपनी मर्जी से किसी भी ब्राउजर को डिफॉल्ट ब्राउजर बना सकते हैं. आप चाहें तो ऐसे ही Gmail की जगह कोई दूसरी मेलिंग सर्विस यूज कर सकते हैं.