Make In India का मिलेगा फायदा
भारत में लैपटॉप और टैबलेट्स की कीमत आने वाले वक्त में कम हो सकती हैं. इसकी वजह PLI 2.0 स्कीम है, जिसमें हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है.
तमाम ग्लोबल कंपनियों ने भारत में मैन्युफैक्चरिंग में रूचि दिखाई है. सरकार को HP, Dell, Asus, Acer, Lenovo समेत 38 कंपनियों के ऐप्लिकेशन मिले हैं.
ये कंपनियां भारत में अपना प्रोडक्शन शुरू कर सकती हैं. इसके लिए कंपनी सीधे अपने मैन्युफैक्चरिंग प्लांट्स शुरू कर सकती है या फिर घरेलू सप्लायर्स की मदद ले सकती है.
इस स्कीम का फायदा आम आदमी को भी मिलेगा. जैसे-जैसे भारत में प्रोडक्शन बढ़ेगा, वैसे-वैसे यहां पर लैपटॉप और टैबलेट्स की कीमत कम होगी.
सरकार ने पहले 17 हजार करोड़ रुपये की PLI स्कीम शुरू की थी. अब ये स्कीम 22,880 करोड़ रुपये की है. सूत्रों की मानें तो ऐपल भी भारत में मैन्युफैक्चरिंग करना चाहता है.
इस मामले पर IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया कि IT हार्डवेयर PLI स्कीम के तहत हमें भारत में लैपटॉप और PC प्रोडक्शन के लिए काफी अच्छा रिस्पॉन्स मिला है.
उन्होंने बताया कि हमें 2430 करोड़ रुपये के फ्रेश इन्वेस्टमेंट की उम्मीद है. इससे GDP बूस्ट होगी और लोगों को जॉब भी मिलेगी.
सरकार लोकल प्रोडक्शन के लिए 5 परसेंट का इंसेंटिव इन कंपनियों को देगी. अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सेमी-कंडक्टर इंडस्ट्री की तरह ही ये PLI स्कीम लंबे समय में देश को आर्थिक फायदा पहुंचाएगी.
उन्होंने बताया कि जैसे ही भारत में कंपनियां प्रोडक्शन शुरू करेंगी. इनका एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा. हालांकि, कई लोगों ने सरकार की इस स्कीम का विरोध भी किया है.