आप भी यूज़ करते हैं FASTag, तो हो जाएं सावधान! एक शख्स गंवा चुका है 2.4 लाख

18 Jan 2024

FASTag Scam: FASTag का इस्तेमाल अधिकतर कार यूजर्स करते हैं. क्या आप जानते हैं कि  FASTag की वजह से एक व्यक्ति साइबर फ्रॉड का भी शिकार हो चुका है. आइए इसके बारे में जानते हैं.

FASTag यूज़ करना पड़ा भारी 

मुंबई के एक व्यक्ति को FASTag यूज़ करना भारी पड़ा. इस मामले में उसके बैंक अकाउंट से 2.4 लाख रुपये उड़ा लिए. जानते हैं पूरा मामला. 

FASTag Scam  फंसा व्यक्ति 

बीते साल मुंबई में स्थित नाला सुपारा में रहने वाला व्यक्ति अचानक एक साइबर फ्रॉड का शिकार हो गया. विक्टिम के बैंक अकाउंट से 2.4 लाख रुपये उड़ा लिए. 

साइबर फ्रॉड का शिकार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 17 जुलाई को 47 साल के एक व्यक्ति को FASTag रिचार्ज कराने में परेशानी आई. 

FASTag रिचार्ज में समस्या 

इस प्रोब्लम को सॉल्व करने के लिए  उसने कस्टमर केयर को कॉल करने का प्लान बनाया. यहीं से साइबर फ्रॉड की शुरुआत हुई. 

ऐसे हुई साइबर फ्रॉड की शुरुआत 

दरअसल, कस्टमर केयर के नंबर के लिए विक्टिम ने ऑनलाइन सर्च किया. इंटरनेट पर मिले नंबर पर उसने कॉल किया. विक्टिम को नहीं पता था कि ऑनलाइन सर्चिंग में मिला नंबर साइबर क्रिमिनल्स का है. 

ऑनलाइन खोजा नंबर 

विक्टिम ने जब उस नंबर पर कॉल किया, तो साइबर क्रिमिनल्स ने फास्टैग रिचार्ज में मदद करने के नाम पर एक ऐप इंस्टॉल कराया.

फोन में इंस्टॉल कराया ऐप 

इस ऐप की मदद से साइबर क्रिमिनल्स ने विक्टिम के फोन से उसकी बैंक डिटेल्स और OTP आदि को एक्सेस कर लिया. 

 OTP आदि को एक्सेस किया 

इसके बाद साइबर क्रिमिनल ने विक्टिम के बैंक अकाउंट से 2.4 लाख रुपये ट्रांसफर कर लिए. 

लगाया 2.4 लाख का चूना 

इसके बाद स्कैमर्स ने अपने सभी कॉन्टैक्ट मोड्स को बंद कर दिया. इसके बाद विक्टिम ने इसकी जानकारी पुलिस को दी. 

स्कैमर्स ने बंद किए सभी नंबर 

FASTag एक इलेक्ट्रोनिक टोल कलेक्टिंग सिस्टम है. यह ATM Card के साइज का स्टिकर होता है, जिसे कार की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. इसकी मदद से टोल चार्जेस ऑटोमैटिक पे हो जाते हैं. 

क्या है FASTag?