आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद कई लोगों को नौकरी जाने का डर सता रहा था. अब ये डर बहुत से लोगों के लिए धीरे-धीरे सच हो रहा है.
लैंग्वेज लर्निंग सॉफ्टवेयर कंपनी Duolingo Inc ने जनरेटिव AI का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. कंपनी कंटेंट क्रिएशन के लिए AI का इस्तेमाल कर रही है.
इसकी वजह से कंपनी ने अपने 10 परसेंट कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को निकाल दिया है. कंपनी के इस कदम से साफ है कि वो धीरे-धीरे AI की ओर शिफ्ट हो रही है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के स्पोकपर्सन ने बताया कि उन्हें निकाले गए वर्कर्स के काम को करने के लिए ज्यादा लोगों की जरूरत नहीं है.
इस काम को AI की मदद से आसानी से किया जा सकता है. स्पोकपर्सन ने बताया कि लगभग 10 परसेंट कॉन्ट्रैक्टर्स को अब काम से हटा दिया गया है.
उन्होंने कहा कि हमें अब ऐसे लोगों की जरूरत नहीं है, जिस तरह का काम कुछ कॉन्ट्रैक्टर्स कर रहे थे. AI की मदद से उस काम को किया जा सकता है.
रिपोर्ट्स की मानें तो Duolingo CEO Luis von Ahn हाल में शेयरहोल्डर्स को लिखे लेटर में बताया था कि वे तेजी से टेक्स्ट, स्पीच और तस्वीरों के क्रिएशन के लिए AI की मदद ले रहे हैं.
इस AI अप्रोच की वजह से कंपनी कई तरह के कंटेंट जनरेट कर पा रही है. कंपनी लैंग्वेज लर्निंग स्क्रिप्ट तेजी से तैयार कर पा रही है.
इसके साथ ही कंपनी ने AI जनरेटेड वॉयस को भी ऐप में इंटीग्रेट किया है और एक प्रीमियम वर्जन Duolingo Max लॉन्च किया है. इसमें AI बेस्ड फीडबैक और मल्टीलैंग्वेज कन्वर्सेशन मिलता है.