साइबर फ्रॉड या स्कैम आजकल काफी चर्चा में है. कई स्कैमर्स इसका इस्तेमाल करके लोगों के साथ ठगी भी कर रहे हैं और उनके बैंक खाते को खाली कर रहे हैं.
ऐसा ही साइबर स्कैम का मामला जुलाई में सामने आया था, जहां एक Coal India के पूर्व कर्मचारी साइबर स्कैम का शिकार हो गए थे. आइए इसके बारे में डिटेल्स में जानते हैं.
दरअसल, साइबर फ्रॉड की शुरुआत जुलाई में हुई थी, जहां Coal India के पूर्व कर्मचारी को एक अनजान नंबर से कॉल आई. इसके बाद उसने खुद को एक पुराना दोस्त बताया.
इसके बाद बहन की बीमारी का हवाला देकर कुछ रुपये की मदद मांगी. गौर करने वाली बात यह है कि इसमें Deepfake का इस्तेमाल किया.
विक्टिम से पहले 40 हजार रुपये की डिमांड की और विक्टिम ने यह रकम ट्रांसफर कर दी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह रकम उन्होंने गूगल प्ले स्टोर के जरिए शेयर की थी.
विक्टिम के पास एक और कॉल आई और उसने फिर 35 हजार रुपये की डिमांड की. इसके बाद उन्हें इस पर शक हुआ और उन्होंने आगे रुपये ट्रांसफर करने से मना कर दिया. पुलिस में दर्ज कराई कंप्लेंट.
दरअसल, चार महीने तक चले इनवेस्टीगेशन के बाद कोझिकोड पुलिस ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया. यह गिरफ्तारी गुजरात के मेहसाणा से हुई है. पुलिस ने बताया कि इसमें Deepfake टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है.
Deepfake की मदद से स्कैमर्स किसी एक व्यक्ति का मिलता जुलता फेस, वॉयस को कॉपी करके वीडियो कॉल में इस्तेमाल करते हैं.
Deepfake से तैयार की गई फर्जी वीडियो कॉल और फर्जी वीडियो को पहचानने के लिए, उसके फ्रेम को ध्यान से देखें. वीडियो में किसी व्यक्ति के गाल और फोरहेड को देखें.