24 July 2025
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चीन हमेशा दुनिया से आगे निकलने की कोशिश करता है. जहां दुनिया भर के देश AI और लार्ज लैंग्वेज मॉड्यूल बनाने में लगे हैं, वहीं चीन ब्रेन कंप्यूटर फ्यूजन तैयार कर रहा है.
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इसका इस्तेमाल चीन स्मार्ट मशीन्स और रोबोट्स के लिए ही नहीं बल्कि स्मार्ट इंसान बनाने में कर पाएगा. हालांकि, इस मामले में अभी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है.
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The Washington Times की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ एकेडमिक पेपर, सरकारी स्ट्रैटजी डॉक्यूमेंट्स और एक्सपर्ट्स के कयास इस टेक्नोलॉजी की ओर इशारा कर रहे हैं.
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आसान भाषा में कहें, तो चीन इंसानी दिमाग की ताकत और मशीन्स को साथ लाने की कोशिश कर रहा है, जिससे वो सुपर ह्यूमन जैसा कुछ तैयार कर सकता है.
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ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस रिसर्च में इंसान के दिमाग को सीधे कंप्यूटर से कनेक्ट करने की कोशिश की जा रही है. इसकी मदद से आप सिर्फ सोचकर कई काम कर सकेंगे.
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यानी आप अपने दिमाग में एक ईमेल लिखने का सोचते हैं और कंप्यूटर उसे लिख देता है. हालांकि, चीन इससे आगे की सोच रहा है.
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Georgetown University के सेंटर फॉर सिक्योरिटी और इमर्जिंग टेक्नोलॉजी की मानें, तो चीन BCI को स्पेक्ट्रम, आक्रामक और कम-आक्रामक स्तर पर तैयार कर रहा है.
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इस टेक्नोलॉजी को विकसित करने का मकसद दिमाग में टर्बोचार्ज लगाना है. इसे एडवांस कंप्यूटेशनल टूल्स से कनेक्ट करना है.
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ऐसी ही टेक्नोलॉजी पर एलॉन मस्क की कंपनी Neuralink भी काम कर रही है. एक पैरेलाइज्ड शख्स के दिमाग में Neuralink की चिप इंप्लाट की गई है.
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हालांकि, अभी ये टेक्नोलॉजी शुरुआती स्तर पर है. इसकी मदद से शख्स कंप्यूटर के कर्सर को मूव कर पाता है और क्लिक भी कर सकता है.
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