30 Sep 2024
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साइबर ठगी के आए दिन नए-नए केस सामने आ रहे हैं. एक नया केस वर्धमान कंपनी के मालिक SP ओसवाल का सामने आया है, जिन्हें 7 करोड़ की ठगी का सामना करना पड़ा.
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SP ओसवाल को एक अनजान शख्स का कॉल आया, उसने खुद की पहचान CBI ऑफिसर के रूप में बताई. इसके बाद फर्जी आरोप और फेक अरेस्ट वॉरेंट दिखाया. इसके बाद उन्हें डिजिटली अरेस्ट रखा.
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इसके बाद उनके बैंक अकाउंट से 7 करोड़ रुपये उड़ा लिए. हालांकि पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आज आपको कुछ खास साइबर ठगी के केस और उनसे बचाव के तरीके बता रहे हैं.
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साइबर ठग शख्स को लूटने के लिए डिजिटली अरेस्ट कर लेते हैं. इसमें वे उसे कैमरे के सामने रहने को कहते हैं. इस दौरान उसे डराया और धमकाया जाता है. इसके बाद बैंक खाता खाली कर देते हैं.
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स्कैमर्स ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम का भी सहारा ले रहे हैं. इस तरह के केस में साइबर क्रिमिनल्स व्हाट्सऐप या अन्य मैसेजिंग ऐप से या फिर ऑनलाइन विज्ञापन के जरिए जाल में फंसा सकते हैं.
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ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम में हाई रिटर्न का लालच देते हैं. आंखों में धूल झौंकने के लिए वह एक फर्जी ऐप पर फेक प्रोफिट भी दिखाते हैं.
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पार्सल स्कैम भी इन दिनों काफी चर्चा में हैं. इस केस में कई लोगों को एक कॉल आती है, जिसमें कहा जाता है कि आपके नाम से पार्सल है.
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इसके बाद बताया जाता है कि वह पार्सल विदेश जा रहा था, जिसमें कुछ ड्रग्स, पासपोर्ट और अन्य डिटेल्स मिली. आपके खिलाफ केस दर्ज हुआ है. फिर साइबर ठग बैंक खाता खाली कर देते हैं.
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e-SIM Scam का शिकार हाल ही में नोएडा की महिला की हुई है. जहां महिला को बड़ी ही चालाकी से उसके सिम कार्ड को हाईजैक कर लिया.
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साइबर ठग ने महिला के बैंक खाते से सेविंग, फिक्स्ड डिपॉजिट और बैंक से लोन लेकर टोटल 27 लाख रुपये उड़ा लिए थे.
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साइबर फ्रॉड का एक अन्य तरीका यह है कि उसमें स्कैमर्स लोगों से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या मैसेजिंग ऐप के जरिए संपर्क करते हैं. इसके बाद वह विक्टिम को वीडियो लाइक करने का काम बताते हैं,
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इसके बदले 50 रुपये प्रति लाइक पर देने का वादा करते हैं. आखिर में वे लाखों रुपये का चूना लगा देते हैं.
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AI या एडवांस सॉफ्टवेयर से आवाज कॉपी करने की सुविधा मिलती है. इसे वॉयस क्लॉनिंग कहते हैं. साइबर ठग आपके परिजन, दोस्त या बॉस आदि की आवाज निकाल कर रुपये मांग सकते हैं. यह एक स्कैम है.
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साइबर स्कैमर्स से बचाव के लिए जरूरी है कि बैंक की डिटेल्स, ATM डिटेल्स और ऑनलाइन बैंकिंग आदि का पासवर्ड आदि किसी दूसरे के साथ शेयर ना करें.
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