इंटरनेट आज के युग में बड़े ही काम की वस्तु साबित हुई है, लेकिन कहते हैं हर एक वस्तु खूबियों के साथ खामियां भी लाती है. इंटरनेट के युग में साइबर क्राइम भी बढ़ा है.
आज हम आपको एक ऐसे साइबर फ्रॉड के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें एक सेना के ऑफिसर को 1.10 लाख रुपये की ठगी का शिकार होना पड़ा. आइए पूरा मामला जानते हैं.
दरअसल, सिंकदराबाद स्थित एक यूनिट में भारतीय सेना के ऑफिसर पोस्टेड हैं. हाल ही में वह एक साइबर फ्रॉड का शिकार हो गए और उन्होंने 1.10 लाख रुपये गंवा दिए.
दरअसल, सेना अधिकारी ने ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म से कुछ ऑर्डर किया था, लेकिन वह तय समय पर डिलिवर नहीं हुआ. इसके बाद उसने वेबसाइट से संपर्क करने का सोचा.
इसके बाद विक्टिम ने इंटरनेट पर उस ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म का कस्टमर केयर नंबर सर्च किया. गूगल पर उसे एक नंबर मिला, जिसपर फिर कॉल भी किया.
इसके बाद विक्टिम ने उस पर नंबर पर बात की. इसके बाद आर्मी ऑफिसर को कुछ निर्देश दिए गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्मी ऑफिसर की आंखों में धूल झोंककर उसने UPI ID और UPI PIN का एक्सेस ले लिया.
एक बार UPI Pin एंटर करते ही, उसके बैंक अकाउंट से मल्टीपल बैंक ट्रांजैक्शन हुए, जिसकी जानकारी उसे टैक्स्ट मैसेज के जरिए मिली.
इसके बाद सेना के ऑफिसर को पता चला कि वह साइबर फ्रॉड का शिकार हो गया है. इस साइबर फ्रॉड में उसे 1.10 लाख रुपये का चूना लगा
इसके बाद आर्मी ऑफिसर ने इस मामले की जानकारी पुलिस को शेयर की. इसके बाद पुलिस ने कंप्लेंट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.