01 Aug 2025
Credit: ITG
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ की वजह से ऐपल को बड़ी रकम चुकानी पड़ रही है. ऐपल CEO टिम कुक ने इसकी जानकारी दी है.
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उन्होंने बताया कि सितंबर तिमाही में उन्हें 1.1 अरब डॉलर (लगभग 9600 करोड़ रुपये) सिर्फ ड्यूटी के तौर पर देने पड़ सकते हैं.
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इससे पहले कंपनी ने जून के क्वार्टर में 80 करोड़ डॉलर दिए हैं, जो कंपनी के 90 करोड़ डॉलर के अनुमान से थोड़ा ही कम है.
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Apple को iPhone पर इतनी ड्यूटी इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमी पावर एक्ट की वजह से देनी पड़ रही है, जिसकी वजह से चीन पर टैरिफ लगाया गया था.
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कुक ने अर्निंग कॉल में क्लेरिफाई किया कि इन टैरिफ की वजह से ऐपल को शुरुआत से नुकसान हो रहा है और कॉस्ट स्ट्रक्चर काफी प्रभावित हो रहा है.
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ऐपल के ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग फुटप्रिंट ने इसके असर को कम करने ने मदद की. कुक की मानें, तो अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhone भारत में असेंबल होते हैं.
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Macs, iPads और ऐपल वॉच वियतनाम में बनते हैं. बहुत से कंपोनेंट ग्लोबल चेन का हिस्सा हैं और असेंबली अमेरिका से बाहर है, तो टैरिफ सभी ऐपल डिवाइसेस को प्रभावित कर रहा है.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार ऐपल पर अपना प्रोडक्शन अमेरिका में शिफ्ट करने का दबाव बना रहे हैं. यहां तक की ज्यादा टैरिफ तक लगाने की धमकी ट्रंप ने दे दी है.
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हालांकि, चुनौतियों और अनिश्चिता के बाद भी ऐपल ने तीसरे क्वार्टर में अच्छा प्रदर्शन किया है. कंपनी का रेवेन्यू 10 फीसदी बढ़कर 94 डॉलर हो गया है.
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