AI ने बनाई असली जैसी दिखने वाली तस्वीर
चांद पर इंसानों को बसाने के लिए साइंटिस्ट लंबे समय से संभावनाएं खोज रहे हैं. लेकिन AI ने कुछ तस्वीरें बनाई हैं, जो दिखाती हैं कि जब चांद पर इंसानों की कालोनी बनेगी तो वहां कैसी कार दोड़ेंगी.
चांद की जमीन पर पृथ्वी की तुलना में ग्रेविटी फोर्स काफी कम है. चांद पर ग्रेविटी 1.62 m/s² है, जबकि पृथ्वी की ग्रेविटी 9.807 m/s² है. हालांकि कुछ इलाकों में ग्रेविटी एरिया जोन बनाकर इंसान वहां रह सकते हैं.
चांद पर पहले ही फॉर व्हीलर लूनर इस्तेमाल किया जा चुका है. अमेरिका के तीन स्पेस मिशन में बैटरी पावर पर चलने वाले लूनर का इस्तेमाल हो चुका है.
चांद पर मौजूद लूनर को एयरक्राफ्ट मेकर कंपनी बोइंग ने तैयार किया. चांद पर लूनर की स्पीड 9.7 किलोमीटर प्रति घंटा की है, जबकि टॉप स्पीड 18 किलोमीटर तक जा सकती है.
लूनर के टायर आम कारों की तुलना में काफी एडवांस होते हैं. स्पेस एजेंसी लगातार इन्हें बेहतर बनाने पर काम कर रही हैं. यहां एयर वाले स्टैंडर्ड टायर कामयाब नहीं हैं.
चांद पर चलने वाली कार बैटरी पावर पर चलेंगी. लूनर भी वहां बैटरी पर चलते हैं, जिससे उम्मीद की जा सकती है कि वहां की कार्स बैटरी पावर पर चलेंगी.
चांद पर ऑक्सीजन नहीं है, ऐसे में वहां की कारों में पेट्रोल का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. दरअसल, Internal-Combustion Engine के लिए ऑक्सीजन वाली एयर की जरूरत होती है, जो वहां नहीं है.
ये सभी कार की फोटो AI ने तैयार की हैं. इन कार का इस्तेमाल वे लोग कर पाएंगे, जब कभी चांद पर कोई इंसानी कालोनी बनेगी.
AI द्वारा तैयार की गई फोटो देखने से पता चलता है कि चांद पर कॉलोनी में बसने वाले एकदम हाईफाई डिजाइन वाली कार का इस्तेमाल कर पाएंगे.
कार इंसानों की जिंदगी का अहम हिस्सा हैं. धरती पर अधिकतर बहुत से लोग पर्सनल कार या टैक्सी आदि का इस्तेमाल करते हैं.
चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है और इन दोनों की बीच की दूरी करीब 3,84,400 किलोमीटर है. अभी यहां कोई जीवन नहीं है और ना ही ऑक्सीजन है.