कौन ले रहा सरकारी योजनाओं का फर्जी फायदा?

AI कर रहा पता लगाने में मदद

10 July 2023

Aajtak.in

AI का इस्तेमाल कॉपीराइटिंग और फोटो क्रिएट करने तक ही सीमित नहीं है. बल्कि इसका इस्तेमाल फर्जी लोगों को पकड़ने में भी किया जा रहा है. 

AI का इस्तेमाल

दरअसल, Comptroller and Auditor General of India (CAG) कई मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर रहा है. 

CAG कर रहा यूज 

CAG ऐसे स्कूलों को पहचान कर रहा है, जो वास्तव में मौजूद नहीं हैं, लेकिन फर्जी तरीके से स्कॉलरशिप क्लेम कर रहे हैं. AI का इस्तेमाल इस तरह के फर्जीवाड़ों को पकडने में किया जा रहा है. 

फर्जीवाड़े पकड़ेगा 

कई मामलों में पाया गया है कि सरकारी योजनाओं को फायदा उठाने वाले कई लोग एक जैसी फोटोज ही यूज कर रहे हैं. SAI20 इंगेजमेंट ग्रुप समिट में CAG ने इसकी जानकारी दी है. 

एक ही फोटोज कर रहे यूज

दिखाए गए एक मामले में बताया गया है कि किस तरह से AI की मदद से डुप्लीकेट, फर्जी और इन-एलिजिबल लोग डिजिटल साक्षरता अभियान (DISHA) का फायदा उठा रहे हैं. 

कैसे कर रहे ट्रैक?

इस प्रोग्राम में लाभार्थी को अपनी फोटोग्राफ अपलोड करनी होती है. CAG ने एक AI मॉडल डेवलप किया है, जो इन फोटोज को एनालाइज करने में मदद करता है. 

CAG को मिल रही मदद

AI सिस्टम की मदद से एक जैसी ईमेज, अलग-अलग तस्वीर और नॉन-ह्यूमन ईमेज को डिटेक्ट किया जा सकता है. इसकी मदद से एक जैसे फोटो यूज करके फायदा उठा रहे फर्जी लोगों को रोका जा सकता है. 

रोक सकेंगे फर्जीवाड़ा 

इस मॉडल ने 92 परसेंट की एक्यूरेसी हासिल की है. इसका इस्तेमाल CAG ने ऐसे लाभार्थियों की पहचान करने में की है, जो इस स्कीम के लिए एलिजिबल नहीं हैं. 

92 परसेंट एक्यूरेसी

AI और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल PM-Kisan और  Pradhan Mantri Awas Yojana जैसे प्रोग्राम की परफॉर्मेंस ऑडिट प्रॉसेस करने में किया जा रहा है.

कई योजनाओं पर चल रहा काम