22 Aug 2025
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आपने इंसानों के हैलुसिनेशन यानी भ्रम के बारे में बहुत सुना होगा. लोगों के साथ अक्सर ऐसा हो जाता है, लेकिन क्या हो जब किसी मशीन के साथ ऐसा होने लगे.
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हम बात कर रहे हैं AI की. AI हैलुसिनेशन की चर्चा अक्सर इस टेक्नोलॉजी से जुड़े हुए लोग करते हैं. आम लोगों के बीच ये टर्म अभी बहुत ज्यादा प्रचलन में नहीं आया है.
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AI हैलुसिनेशन का मतलब है जब ChatGPT, Google Gemini जैसे AI सिस्टम गलत या मनगढ़ंत जानकारी देते हैं. ये सिस्टम इस जानकारी को सही की तरह पेश करते हैं.
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यानी आर्टिफिशियल सिस्टम द्वारा दी गई जानकारी वैसे तो गलत होती है, लेकिन उसे पेश करने का तरीका ऐसा होता है, जिससे सही लगे.
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AI हैलुसिनेशन डेटा की कमी या अधूरी जानकारी की वजह से होता है. AI को जिस डेटा पर ट्रेन किया जाता है, वो उसी के आधार पर चीजें बताता है.
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अगर उस डेटा में कोई गलती या कमी होती है, तो AI अपने हिसाब से अनुमान लगाकर जवाब देता है. इसके अलावा प्रॉम्प्ट गलत होने पर भी ऐसा होता है.
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मान लीजिए आपने AI से कोई सवाल किया, लेकिन उसे ठीक ढंग से पूछ नहीं पाए. ऐसे में AI आपके सवाल का गलत जवाब देगा.
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AI की जानकारी पैटर्न पर आधारित होती है, लेकिन कभी-कभी यह पैटर्न गलत हो जाते हैं. इस परिस्थिति को भी AI हैलुसिनेशन माना जाता है.
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AI की ये स्थिति बहुत खतरनाक है. क्योंकि इसकी वजह से फेक न्यूज फैल सकती है. मेडिकल, लीगल या फाइनेंस के सेक्टर में बड़ी गड़बड़ी हो सकती है.
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