'चाइल्ड पॉर्न' के लिए हो रहा यूज
AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस साल की शुरुआत से ही चर्चा में हैं. इसके रिस्क अब धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं, जिनका एक्सपर्ट्स को डर सता रहा था.
नहीं AI जानलेवा नहीं हो रहा है, लेकिन इसकी मदद से किए जा रहे काम उससे कम भी नहीं हैं. दरअसल, पीडोफाइल फोरम इसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
पीडोफाइल फोरम यानी बच्चों की आपत्तिजनक वीडियो बनाने वाले. ये फोरम जनरेटिव AI का इस्तेमाल करके चुटकियों में चाइल्ड पॉर्नोग्राफी के कंटेंट क्रिएट कर रहे हैं.
डार्क वेब पर इनका बड़ा कारोबार चल रहा है, जहां चाइल्ड पॉर्नोग्राफी से जुड़ी हजारों तस्वीरें उपलब्ध हैं. डार्क वेब पर इन फोटोज को स्पेशल ब्राउजर की मदद से ही खोजा सकता है.
इतनी ही नहीं ये लोग दूसरे पीडोफाइल्स को क्रिएशन बनाने का भी तरीका बता रहे हैं. इस फोटोज को वेब पर आने से रोकने वाला सेंट्रल ट्रैकिंग सिस्टम भी ब्लॉक नहीं कर पा रहा है.
क्योंकि इस सिस्टम को पहले से मौजूद फोटोज से ही एब्यूज की जानकारी मिलती है. AI जनरेटेड फोटोज को ये सिस्टम डिटेक्ट ही नहीं कर पा रहा है.
हालांकि, एक बहस ये भी है कि क्या ये तस्वीरें किसी कानून का उल्लंघन भी करती हैं. क्योंकि ये किसी बच्चे की तस्वीर ही नहीं हैं, बल्कि पूरी तरह से काल्पनिक हैं.
इस तरह की तस्वीरों को अवैध ही माना जाएगा, लेकिन AI के इस इस्तेमाल ने इसके आगामी परिणामों पर सवाल खड़ा कर दिया है. भविष्य में इसका इस्तेमाल कई और कामों में किया जा सकता है.
इंस्टाग्राम पर भी इस तरह की फोटोज भरी पड़ी हैं. बल्कि कई अकाउंट्स पैसे लेकर ऐसे कंटेंट बेच रहे थे. इंस्टाग्राम ने ऐसे कुछ अकाउंट्स को बैन भी किया है. मगर ये सब AI के यूज पर एक बड़ा सवाल जरूर हैं.