आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तकनीक नेक्स्ट लेवल पर पहुंच गई है. आज के समय में किसी की आवाज, वीडियो या फोटो एडिट करके उसे कॉपी करना बहुत ही आसान हो गया है.
इस AI तकनीक का यूज़ करके स्कैमर्स कई लोगों को चूना लगा रहे हैं. सबसे ज्यादा भारतीयों के साथ AI का यूज़ करके साइबर फ्रॉड हुआ है.
दरअसल, साइबर सिक्योरिटी और एंटीवायरस फर्म McAfee एक रिपोर्ट में साइबर स्कैम को लेकर कई दावे किए हैं. इस रिपोर्ट में बताया कि इस लिस्ट में भारत में टॉप पर है. करीब 83 प्रतिशत भारतीयों ने साइबर स्कैम में रुपये गंवाए हैं.
इन साइबर स्कैम में स्कैमर्स ने AI की मदद से परिवार के किसी मेंबर्स की वॉयस कॉपी करके और विक्टिम के अकाउंट से रुपये उड़ा लिए. हाल ही में इस तरह के केस में इजाफा देखा जा चुका है.
दरअसल, McAfee की रिपोर्ट्स में बताया है कि आधे से ज्यादा (69 प्रतिशत ) भारतीय AI Voice और रियल वॉयस में अंतर नहीं कर पाते हैं.
रिपोर्ट में बताया है कि करीब आधे भारतीय इस स्कैम को लेकर जागरुक हैं. 47 प्रतिशत भारतीय ऐसे हैं जिनके साथ या तो AI Voice स्कैम हुआ है या फिर वह ऐसे किसी को जानते हैं, जो इस तरह के फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं.
रिपोर्ट्स में बताया है कि किसी भी वॉयस का क्लोन तैयार करना बहुत ही आसान है. किसी भी व्यक्ति की 3 सेकेंड की आवाज की मदद से क्लोन वॉयस तैयार कर सकते हैं.
McAfee की रिपोर्ट में, सात देशों के 7050 लोगों पर सर्व पर किया है. इसमें भारत का नाम भी शामिल है. इनसे साइबर स्कैम संबंधित सवाल पूछे गए. सबसे ज्यादा भारतीयों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ.
रिपोर्ट्स में बताया है कि 83 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि उन्होंने इस स्कैम में रकम गंवा दी, जबकि 48 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिनके साथ करीब 50 हजार रुपये का फ्रॉड हुआ है.