चैम्प‍ियंस ट्रॉफी में कायम है अनूठी परंपरा, व‍िनर टीम को ही क्यों मिलती है ये चीज?

10 Mar 2025

Credit: ICC/Getty/AFP/PTI

भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड को 4 विकेट से हराकर चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 अपने नाम किया.

फाइनल मुकाबले में जीत के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने चमचमाती ट्रॉफी उठाई.

हालांकि इस दौरान फैन्स का ध्यान ट्रॉफी से ज्यादा भारतीय खिलाड़ियों के सफेद ब्लेजर पर गया.

चैम्पियंस ट्रॉफी इकलौता आईसीसी टूर्नामेंट है, जिसमें विजेता खिलाड़ियों को बतौर सम्मान सफेद ब्लेजर पहनाया जाता है.

इस रेशमी ब्लेजर पर गोल्ड ब्रेडिंग रहती है. जबकि इसके कपड़े पर चैम्पियंस ट्रॉफी का लोगो भी बना रहता है. 

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विजेता टीम के खिलाड़ियों को ये ब्लेजर हमेशा के लिए मिलती है. ऐसे में ये ब्लेजर उनके लिए किसी स्मृति चिह्न से कम नहीं होता.

यह ब्लेजर ऑगस्टा मास्टर्स गोल्फ टूर्नामेंट में विजेता खिलाड़ी दी जाने वाले हरे रंग के ब्लेजर की याद दिलाता है.

सफेद ब्लेजर चैम्पियन खिलाड़ियों के लिए सम्मान का प्रतीक होता है. साथ ही यह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करने वाली विरासत का भी प्रतीक है.

चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले से पहले एक दर्जी दोनों टीमों के खिलाड़ियों का नाप लेने पहुंचता है.

तेज गेंदबाज स्टीवन फिन 2013 में इंग्लैंड की उस टीम का हिस्सा थे, जो चैम्पियंस ट्रॉफी जीतने के बेहद करीब पहुंच गई थी.

तब फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को 5 रनों से हराकर खिताब जीता था. फिन ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'एक दिन पहले दर्जी आकर आपसे सफेद रेशमी कपड़े से बनी इन ब्लेजर के लिए नाप लेता है.'

चैम्पियंस ट्रॉफी 2025 की शुरुआत से पहले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम ने इस पोशाक का अनावरण किया था.

बता दें कि साल 2009 से चैम्पियंस ट्रॉफी में विजेता टीम के खिलाड़ियों को सफेद ब्लेजर पहनाने की शुरुआत हुई. उस बार यह टूर्नामेंट साउथ अफ्रीका में खेला गया था, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने जीता.

फिर 2013, 2017 और 2025 की चैम्पियंस ट्रॉफी में भी आईसीसी की ओर से ये परंपरा कायम रही है.