खतरे का निशान लाल रंग का ही क्यों? जानें वजह

8 March, 2022

पूरी दुनिया में खतरे का निशान लाल रंग होता है. आपने कभी सोचा है कि इसकी क्या वजह है? 

ट्रैफिक सिग्नल हो या दूसरे संकेत, सतर्क करने के लिए हमेशा लाल रंग का ही इस्तेमाल होता है. 

दरअसल, लाल रंग को खतरे के निशान के तौर पर चुने जाने की वजह बेहद साइंटिफिक है. 

इसकी वैज्ञानिक वजह प्रकाश का प्रकीर्णन (Scattering of Light) है. 

सूरज से निकलने वाली किरणें सफेद रंग की ही दिखाई देती हैं. हालांकि, यह सफेद प्रकाश इंद्रधनुष के 7 रंगों से मिलकर बनता है. 

प्रकाश वायुमंडल में गैस, धूल के कणों पर पड़ता है तो वो इसे सोखकर सभी दिशाओं में फैला देते हैं. इसे ही प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं. 

सूरज का प्रकाश जब धरती के वातावरण में दाखिल होता है तो यहां मौजूद कणों से टकराकर फैल जाता है. 

फिजिक्स के नियमों के मुताबिक, जिन रंगों की वेवलेंथ कम होती है, वे ज्यादा से ज्यादा फैलती हैं. 

चूंकि, लाल रंग का वेव लेंथ सबसे ज्यादा होता है, इसलिए इसका प्रकीर्णन सबसे कम होता है. 

सबसे कम प्रकीर्णन का मतलब यह है कि लाल रंग किसी वातावरण में सबसे ज्यादा दूरी तय करेगी. 

सबसे कम प्रकीर्णन के कारण प्रकाश की तीव्रता कम नहीं होती और यह रोशनी दूर से दिख जाती है. 

यही वजह है कि लाल रंग का उपयोग खतरे के संकेतों में किया जाता है ताकि उन्हें दूर से देखा जा सके.