आंखें हर जीव की खूबसूरत होती हैं. आंखों की पुतलियां ही उनकी खूबसूरती, दूर तक और अंधेरे में देखने की क्षमता तय करती हैं.
आपको पता है कि हर जानवर की पुतलियां अलग-अलग आकार और रंग की क्यों होती हैं? क्या इससे नजर पर कोई असर पड़ता है?
कुत्ते, भेड़िये, बड़ी बिल्लियों जैसे जीवों की पुतलियां गोलाकार होती हैं. ये दिन की रोशनी में शिकार का पीछा करके उसे पकड़ते हैं. इन पुतलियों वाले जानवर अक्सर टॉप लेवल के शिकारी होते हैं.
ये पुतलियां उन जीवों में होती हैं, जो घात लगाकर हमला करते हैं. जैसे- छोटी बिल्लियां, लोमड़ियां, मगरमच्छ. ये शिकार के बेहद करीब आकर हमला करते हैं. इनमें ज्यादा रोशनी जाती है.
भेड़, बकरी, घोड़े जैसे जीवों की आंखों की पुतलियां हॉरीजोंटल दिखती हैं. जैसे कोई सवाल पूछ रही हों. इन्हें बहुत चौड़े इलाके में देखना होता. इन पुतलियों का फोकस लेवल अच्छा होता है.
ऐसी पुतलियां उन जीवों की होती हैं, जो शिकार होते हैं. इसके अलावा कुछ मेढकों, सांपों, ऑक्टोपस में ये देखने को मिलती हैं. ये वर्टिकल मूवमेंट को समझने में मददगार होती हैं.
ऐसी आंखें सिर्फ स्टिंग रे, फ्लैट फिश और कैट फिश की होती हैं. इसका फायदा गहरे पानी में कम रोशनी में मिलता है. इससे ये मछलियां ज्यादा चौड़ाई में देख सकती हैं. शिकार को खोज लेती हैं.
ये पुतलियां सिर्फ कटलफिश में पाई जाती हैं. ये पुतलियां डब्ल्यू आकार की होती हैं. असल में ये लगभग गोल ही होती हैं लेकिन जब तेज रोशनी पड़ती है तो डब्ल्यू आकार में बदल जाती हैं.
एक खास छिपकली गेकोस और कुछ ही मछलियां ऐसी हैं, जिनकी आंखों की पुतलियां वर्टिकल बीडेड होती हैं. यानी आंखों के बीच में एक वर्टिकल पतली लाइन. बीच-बीच में गोल आकार बने होते हैं.
असल में अकशेरुकीय जीवों की आंखों में पुतलियां नहीं होतीं. इनकी आंखें कंपाउंड होती हैं. जैसे ग्रासहोपर. लेकिन एक या दो काले धब्बे होते हैं, जिन्हें स्यूडोप्यूपिल्स कहते हैं.