ISRO के बाद कौन पहुंचेगा चांद पर? इन पांच देशों के बीच कंपीटिशन
07 Sep 2023
चंद्रमा पर मून मिशन की लाइन लगी है. भारत के बाद अब जापान ने भी 07 सितंबर 2023 की सुबह यानी आज अपना मून मिशन लॉन्च कर दिया.
इस मिशन की लॉन्चिंग तांगेशिमा स्पेस सेंटर के योशीनोबू लॉन्च कॉम्प्लेक्स से की गई.
वहीं, इसी साल चंद्रमा पर दो और मिशन जाने वाले हैं. दोनों अमेरिका भेजेगा. इसमें से एक तो सिर्फ इसलिए है कि वो चांद पर डिलीवरी कर सके.
नासा के इस मिशन का नाम है कॉमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेस. इसके अलावा नासा लूनर ट्रेलब्लेजर (Lunar Trailblazer) मिशन भेजेगा.
लूनर ट्रेल ब्लेजर एक ऑर्बिटर है जो चांद के चारों तरफ चक्कर लगाते हुए सतह पर पानी, उसके स्वरूप और कहां मौजूद है, इसकी जांच करेगा.
2024 में बेरेशीट 2 (Beresheet 2) लॉन्च हो रहा है. इसे इजरायल भेज रहा है. इसमें दो लैंडर और एक ऑर्बिटर होगा. ऑर्बिटर मदरशिप होगा. लैंडर चांद के दो अलग-अलग हिस्सों में उतारे जाएंगे.
अमेरिका 2024 में ही VIPER यानी वोलाटाइल्स इन्वेस्टिगेटिंग पोलर एक्सप्लोरेशन रोवर भेजा जाएगा. यह चांद के अंधेरे वाले हिस्से में और दक्षिणी ध्रुव पर संसाधनों की खोज करेगा.
2025 में नासा Artemis 2 लैंडर को चांद पर उतारेगा. इंसान को 50 साल बाद पहली बार चांद की सतह पर उतारा जाएगा. अर्टेमिस-1 मिशन सफल हो चुका है.
चीन 2024 से 2027 के बीच अपना चांगई-6, 7 और 8 मिशन भेजेगा. ये चांद की सतह पर रिसर्च करने वाले रोबोटिक रिसर्च स्टेशन होंगे.
इसके बाद चीन इस साल चंद्रमा पर अपने स्टेशन और सैटेलाइट्स के बीच संपर्क साधने के लिए लूनर कम्यूनिकेशन एंड नेविगेशन सैटेलाइट कॉन्स्टीलेशन भेजने वाला है.
जापान 2024 में हाकुतो-2 (Hakuto-2) और 2025 में हाकुतो-3 (Hakuto-3) मिशन भेजेगा. यह भी एक लैंडर और ऑर्बिटर मिशन होगा.
इसके अलावा, ऑस्ट्रेलिया भी अब अपना मून मिशन भेजने की तैयारी कर रहा है. वह NASA के Artemis मून मिशन के साथ अपना रोवर भेजेगा. यह मिशन 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है.
यह एक रोबोटिक रोवर होगा. जो चांद की सतह पर मिट्टी यानी उसके रिगोलिथ की जांच-पड़ताल करेगा. ऑस्ट्रेलियन स्पेस एजेंसी (ASA) ने इसकी घोषणा की है.