श्रद्धा वॉल्कर हत्याकांड के आरोपी आफताब अमीन पूनावालाका का पॉलीग्राफ टेस्ट होगा.
पॉलीग्राफ यानी झूठ पकड़ने वाली मशीन का सामना करना. इसे लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहते हैं.
पॉलीग्राफ टेस्ट में देखा जाता है कि सवालों के जवाब देते समय क्या इंसान झूठ बोल रहा है या सच.
इंसान जब झूठ बोलता है, तब उसका हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर बदलता है. पसीना आता है. आंखें इधर-उधर जाती हैं.
टेस्ट में चार चीजें देखी जाती हैं. सांस लेने की दर, नाड़ी की गति, ब्लड प्रेशर और पसीना कितना निकल रहा.
टेस्ट के दौरान मशीन के चार या छह प्वाइंट्स को इंसान के सीने, उंगलियों से जोड़ दिया जाता है. फिर उससे पहले कुछ सामान्य सवाल पूछे जाते हैं.
इसके बाद उससे अपराध से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं. इस दौरान मशीन के स्क्रीन पर इंसान की हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, नाड़ी आदि पर नजर रखी जाती है.
टेस्ट से पहले भी इंसान का मेडिकल टेस्ट किया जाता है. तब उसके सामान्य हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, नाड़ी दर आदि को नोट कर लिया जाता है.
जब टेस्ट में सवाल पूछे जाने लगते हैं और जवाब देने वाला अगर झूठ बोलता है तो उस समय उसका हार्ट रेट, ब्लड प्रेशर, नाड़ी दर घटता या बढ़ता है.
अगर इंसान सच बोलता है, तब उसकी शारीरिक गतिविधियां सामान्य रहती हैं. जो इंसान झूठा बोलता है, उसके दिमाग से एक P3 सिग्नल निकलता है.
ऐसे में उसका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. इन्हें सामान्य दरों से मिलाया जाता है. तुरंत पता चल जाता है कि ये जवाब सच है या झूठ.