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भारत का चंद्रयान जैसे ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर पहुंचा, ये इतिहास रचने वाला विश्व का पहला देश भारत बन गया. लेकिन ये तो बस अभी शुरुआत है. चांद के बाद अब सूरज की बारी है.
दरअसल, इसरो (ISRO) जल्द ही सूरज के बारे में जानने के लिए एक मिशन की शुरुआत कर रहा है. इस सोलर मिशन का नाम आदित्य एल-1 है.
इसका ऐलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. आदित्य एल-1 सूरज के रहस्यों का अध्ययन करने वाला भारत का पहला मिशन होगा.
ये स्पेसक्राफ्ट लॉन्च किए जाने के पूरे चार महीने बाद सूरज-पृथ्वी के सिस्टम में लैगरेंज पॉइंट-1 तक पहुंचेगा, जो कि धरती से 15 लाख किलोमीटर दूर है.
लैगरेंज प्वाइंट 1 के चारों तरफ एक हेलो ऑर्बिट में होने के कारण इस प्वाइंट पर सूरज के ग्रहण का असर नहीं पड़ता. जिसके कारण वहां पर आसानी से शोध किया जा सकेगा.
जल्दी ही अंतरिक्ष में आदित्य L-1 नाम की ऑब्जर्वेटरी को भेजा जाएगा. इसे लॉन्च कब किया जाएगा इसकी तारीख तो फिलहाल तय नहीं की गई है.
खबर के मुताबिक, इस मिशन को सितंबर के पहले हफ्ते में लॉन्च किया जा सकता है. आदित्य L-1 स्पेसक्राफ्ट को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा.