बढ़ती सर्दी के साथ कोहरे का कहर भी दिख रहा है. उत्तर भारत कोहरे की चादर में लिपट चुका है.
आखिर सर्दियों में इतना सारा कोहरा आता कहां से है? कोहरा बनता कैसे है? आइए इसे समझते हैं.
जब पानी से निकली भाप अपने गैस फॉर्म में गाढ़ी हो जाती है, तो वह कोहरे की तरह दिखती है.
यानी हवा में पानी के बेहद छोटे-छोटे कण तैरते रहते हैं. आप असल में इन्हीं पानी की छोटी बूंदों को देखते हैं.
गैस तो दिखती नहीं, लेकिन जब वह गाढ़ी होती है, तो आपको दिखने लगती है. भाप के साथ भी ऐसा ही होता है.
जब जलस्रोतों के ऊपर सर्द हवा हल्के गर्म नमी वाली हवा से मिलती है, तब नमी वाली हवा ठंडी होने लगती है.
ह्यूमेडिटी 100 फीसदी पहुंच जाती है. तब जाकर कोहरा यानी फॉग बनता है.
अब इसमें धुआं और जहरीली हवा मिलती है, तो वह स्मॉग बन जाता है. इससे लोगों को सांस संबंधी दिक्कतें होती हैं.
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