गर्मियों के मौसम में देश के कई राज्य भीषण गर्मी की मार झेलते हैं.
बढ़ते तापमान, हीटवेव के चलते लोगों को झुलसने वाली गर्मी का सामना करना पड़ता है.
लम्बे समय तक ज्यादा गर्मी होने से हीटवेव की स्थिति पैदा हो जाती है.
मौसम विभाग कई पैमानों पर हीटवेव का पता लगाता है.
लेकिन क्या आप जानते हैं किन पैमानों पर हीटवेव का पता लगाया जाता है.
मौसम विभाग के अनुसार जहां तापमान 40 डिग्री के पार, तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री और पहाड़ी क्षेत्रों में 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर जाए वहां हीटवेव घोषित कर दी जाती है.
साथ ही भारत के नियमों के अनुसार, अगर तापमान सामान्य से 6.2 डिग्री पार कर जाए तो भीषण हीटवेव की स्थिति पैदा हो जाती है.
शहरों के न्यूनतम और अधिकतम तापमान को मौसम विभाग, एयरफोर्स और प्राइवेट संस्थानों की ऑब्जर्वेटरीज से पता लगता है, जिसके लिए थर्मोमीटर का प्रयोग किया जाता है.
मौसम विभाग का मानना है कि भीषण गर्मी और हीटवेव के पीछे की वजह एंटी साइक्लोन है.
एंटी साइक्लोन यानी कि जब सतह पर हवा का दबाव अधिक होता है तो ऊपर की हवा नीचे आ जाती है और नीचे आते ही ये हवा गर्म हो जाती है.