04 July 2025
आजतक साइंस डेस्क
ISRO और NASA ने एक संयुक्त पृथ्वी अवलोकन मिशन के तहत ‘निसार’ (NISAR) सैटेलाइट जुलाई के अंत तक लॉन्च करने जा रहा है.
Credit: NASA
यह उपग्रह प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप, भूस्खलन, ग्लेशियर गतिविधियों और पृथ्वी की सतह में होने वाले परिवर्तनों की निगरानी और पूर्वानुमान करेगा.
Credit: ISRO
इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से GSLV रॉकेट की मदद से लॉन्च किया जाएगा.
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इस सैटेलाइट में दो अत्याधुनिक रडार सिस्टम- S-बैंड और L-बैंड का उपयोग किया गया है. दोनों रडार को मिलाकर इस उपग्रह के साथ जोड़ा गया है.
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S-बैंड रडार को ISRO के अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (SAC) ने तैयार किया है, जबकि L-बैंड रडार को नासा की कैलिफोर्निया स्थित जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी (JPL) ने विकसित किया है.
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SAC के निदेशक डॉ. निलेश देसाई के अनुसार, सैटेलाइट के लॉन्च के एक से तीन महीने के भीतर भारत और अमेरिका को डेटा मिलना शुरू हो जाएगा.
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यह डेटा पृथ्वी की सतह पर हो रहे परिवर्तनों, पर्यावरणीय प्रभावों और प्राकृतिक आपदाओं के विश्लेषण में उपयोग किया जाएगा.
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