होंठ का सबसे बड़ा उपयोग खाना खाने, सांस लेने और बोलने में मदद करना है.
होंठ बेहद संवेदनशील और नाजुक होते हैं.
जमाइका हॉस्पिटल के मुताबिक होंठों के अंदर 10 लाख बारीक नलियों के अंत जुड़े होते हैं.
ह्यूमन बायोलॉजी के प्रोफेसर नोएल कैमरॉन के मुताबिक होंठ की त्वचा चेहरे के बाहरी स्किन और मुंह के अंदरूनी म्यूकस मेंब्रेन के बीच ब्रिज का काम करती है.
होंठों के त्वचा कोशिकाओं की तीन से पांच परतों से बनी होती है.
ये शरीर की त्वचा से पतली होती है. चेहरे की त्वचा से से तो और भी पतली होती है.
चेहरे की त्वचा पर कोशिकाओं की 16 परत चढ़ी होती है.
होंठ की त्वचा हल्के रंग की होती है. उसमें मिलेनोसाइट्स की संख्या कम होती है.
होठों में मिलेनिन पिगमेंट्स नाम के तत्व पाए जाते हैं जो त्वचा को रंग प्रदान करते हैं. इनकी वजह से ही त्वचा को लाल या गुलाबी रंग मिलता है.
पिगमेंटेशन ज्यादा होने की स्थिति में होंठ लाल रंग का दिखता है.
इसके पीछे एक बड़ी वजह ये भी होती है कि हल्की त्वचा के पीछे लाखों खून की नलियां होती हैं.
इस वजह से भी होठों का रंग लाल हो जाता है.
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