पेड़ों पर लटकने वाले इंसानी कान के बारे में शायद बहुत कम लोग ही जानते होंगे.
Pic credit: Getty imagesअसल में यह एक फंगस है. जो यूरोप के पेड़ों पर उगती है.
Pic credit: Getty imagesइसके आकार की वजह से कुछ लोग इसे इंसानी कान वाला मशरूम भी बुलाते हैं.
Pic credit: Getty imagesवैज्ञानिक नाम ऑरिक्यूलेरिया ऑरिकुला-जुडे है. लेकिन आमतौर पर इसे जेली इयर नाम से भी पुकारते हैं.
Pic credit: Getty imagesजेली इयर को 19वीं सदी में गले में खराश, आंखों में दर्द और पीलिया जैसी दिक्कतों से राहत दिलाने के लिए इसका उपयोग होता था.
Pic credit: Getty imagesआम तौर पर चौड़ी पत्ती वाले पेड़ों और झाड़ियों की लकड़ी पर उगती है. सबसे पहले चीन और पूर्वी एशिया के देशों में इसकी खेती की गई.
Pic credit: Getty imagesयह फंगस किसी भी मौसम के हिसाब से खुद को बदल सकता है. अपना डीएनए भी बदल लेता है.
Pic credit: Getty images19वीं सदी के ब्रिटेन में कहा गया था कि इसे कभी भी खाया नहीं जा सकता. लेकिन पोलैंड में लोग इसका सेवन करते थे.
Pic credit: Getty imagesकच्ची जेली इयर खाने लायक नहीं होती. इसे अच्छी तरह से पकाना होता है.
Pic credit: Getty imagesइसके सूखने के बाद अच्छी मात्रा में पौष्टिक तत्व मिलते हैं.
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