यूरोपियन स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिक ऐसे पदार्थ की खोज करने जा रहे हैं, जो न दिखता है. न मिलता है. लेकिन मौजूद है.
इस पदार्थ को डार्क मैटर कहते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि पूरा ब्रह्मांड इसी पदार्थ से जुड़ा है. इसी की ऊर्जा से चल रहा है.
इसी डार्क मैटर की खोज में यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने नया स्पेस मिशन तैयार किया है. इस मिशन का नाम यूक्लिड मिशन है.
इसके तहत अंतरिक्ष में एक यूक्लिड टेलिस्कोप लॉन्च किया जाएगा.
इस मिशन की लागत है 89,148 करोड़ रुपए. डार्क मैटर शब्द 1998 में दिया गया था. जब यह पता चला था कि ब्रह्मांड को इसी ने बनाया है.
एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिसिस्ट प्रो. एंडी टेलर कहते हैं कि डार्क मैटर और उसकी एनर्जी ब्रह्मांड का ऐसा रहस्य है, जिसे सुलझा पाना बेहद मुश्किल है.
अगर यूक्लिड टेलिस्कोप ने हमें इन दोनों चीजों को समझने का सटीक सबूत या मौका दिया तो यह इतिहास बदलने जैसा होगा.