20 Feb 2023 By: Aajtak.in

अंटार्कटिका में बर्फ पिघलना क्यों दुनिया के लिए खतरनाक? जानिए 

Climate Crisis

दुनिया के सबसे सर्द इलाकों में शुमार अंटार्कटिका का 99 फीसदी हिस्सा बर्फ से ढका है. 

यहां बर्फ की काफी मोटी परत जमी हुई है. लेकिन अब ये बर्फ तेजी से पिघल रही है. 

नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के मुताबिक, 13 फरवरी को अंटार्कटिका में 19.1 लाख वर्ग किलोमीटर पिघल गई. 

ये एक नया रिकॉर्ड है. इससे पहले पिछले साल 25 फरवरी को 19.2 लाख वर्ग किमी बर्फ पिघल गई थी. 

वैज्ञानिकों का कहना है कि ये लगातार दूसरा साल है जब एक दिन में 20 लाख वर्ग किमी तक बर्फ पिघल चुकी है. 

वैज्ञानिकों के मुताबिक, अंटार्कटिका में बर्फ पिघलने की ये घटना बड़ी अजीब है और इसके लिए सिर्फ क्लाइमेट चेंज को जिम्मेदार नहीं है. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर अंटार्कटिका पिघल जाता है, तो इससे समंदर में पानी का स्तर 200 फीट तक बढ़ जाएगा. 

बर्फ की इन चादरों के पिघलने से समुद्र का खारापन भी कम होता है. इस कारण समुद्र में रहने वाले जीव पर बुरा असर पड़ सकता है. 

संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि अगली सदी तक समुद्री बर्फ में 25 फीसदी तक की कमी आ सकती है, जिससे अंटार्कटिका के जीव-जंतुओं के खाने-पीने पर संकट हो सकता है.