28 May 2024
Credit: Credit AP
साल का पहला चक्रवाती तूफान रेमल ने अपनी दिशा और गति बदल ली है. अब वह बांग्लादेश के ऊपर से होते हुए भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में पहुंच गया है. हालांकि यहां अभी तेज बारिश का सिलसिला जारी है.
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बंगाल की खाड़ी अरब सागर की तुलना में ज्यादा गर्म होती है. यहां में साल में दो बड़े चक्रवाती तूफान आने की आशंका रहती है-मार्च से मई और अक्तूबर से दिसंबर के बीच.
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अरब सागर अब क्लाइमेट चेंज की वजह से गर्म हो रहा है. इसलिए उधर भी चक्रवाती तूफानों की संख्या बढ़ती जा रही है.
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पिछले 40 सालों में हर मॉनसून से पहले बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के तापमान करीब 1 से 1.4 डिग्री सेल्सियस बढ़ रहा है. इसलिए तूफानों की संख्या और तीव्रता बढ़ती जा रही है.
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मौसम विज्ञानी की मानें तो कुछ तूफान तो गर्मी के मौसम में समंदर के गर्म होने के बाद आते हैं और बेमौसम तूफानों की वजह होती है रैपिड इंटेसीफिकेशन.
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सभी तूफानों के बनने के समय समुद्री सतह का तापमान डेढ़ से दो डिग्री सेल्सियस ज्यादा हो जाता है. एक तो जमीनी सतह गर्म... ऊपर से समुद्र का तापमान... इसकी वजह से साइक्लोन की ताकत और बढ़ जाती है.
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IPCC की पांचवीं एसेसमेंट रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीनहाउस गैसों से निकलने वाली अतिरिक्त गर्मी का 93% हिस्सा समंदर सोखते हैं. इससे सागरों का तापमान साल-दर-साल बढ़ रहा है.
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ISRO के सैटेलाइट्स और राडार द्वारा पहले जानकारी ही मिल जाती है. जिससे राहत एवं आपदा बचाव अपने काम में लग जाती है.
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