चीन ने ऐसे हाइपरसोनिक इंजन का टेस्ट किया है, जो फाइटर जेट्स को आश्चर्यजनक रूप से तेज रफ्तार देगा.
इस इंजन की सबसे बड़ी खासियत यही है कि अत्यधिक स्पीड के बावजूद उसकी आवाज बेहद कम होगी.
जब कोई जेट साउंड बैरियर तोड़ता है, तब तेज सोनिक बूम होता है. लेकिन यह जेट सोनिक बूम के अलावा कोई आवाज नहीं करेगा.
इसके पीछे इसका ईंधन है. चीन ने इस इंजन में पारंपरिक हाइड्रोजन फ्यूल के बजाय एविएशन केरोसीन का इस्तेमाल किया है.
असल में अब तक ऐसी तकनीक नहीं थी, जिसमें कोई जेट इतनी गति में उड़ सके. उड़ता तो फट जाता. उसका इंजन ब्लास्ट कर जाता.
चीन का दावा है कि उन्होंने ऐसा हाइपरसोनिक इंजन बना लिया है, जो फाइटर जेट को 11,113 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति में उड़ा सकता है.
इस इंजन का नाम है केरोसीन बेस्ड डेटोनेशन इंजन. डेटोनेशन इंजन फाइटर जेट को आगे बढ़ाने के लिए शॉकवेव्स की सीरीज बनाता है.
असल में ये इंजन स्क्रैमजेट से भी ताकतवर होते हैं. अमेरिका फिलहाल स्क्रैमजैट इंजनों पर काम कर रहा है.
चीन ने अपने नए इंजन का टेस्ट JF-12 हाइपरसोनिक शॉक टनल में किया है. यह दुनिया की सबसे बड़ी शॉक टनल है.
बीजिंग से दिल्ली की दूरी 3791 किलोमीटर है. अगर वह इस इंजन से लैस फाइटर जेट को दिल्ली भेजता है, तो वह 20 मिनट में यहां पहुंच जाएगा.