दिमाग दर्द महसूस नहीं करता तो सिर दर्द क्यों पता चलता है?
By: ऋचीक मिश्रा
March 13, 2023
आपके दिमाग को दर्द महसूस नहीं होता. क्योंकि उसका खुद का कोई पेन रिसेप्टर (Pain Receptors) नहीं होता.
सवाल उठता है कि सर दर्द से लोग पागल क्यों हो जाते हैं? असहनीय पीड़ा क्यों बर्दाश्त करते हैं? क्या सर दर्द का दिमाग से कुछ लेना देना है?
सर दर्द बहुत सामान्य है. यह कई तरीके से होती है. कुछ हल्की होती हैं. कुछ मिनटों के लिए तो कुछ दिनों तक ठीक नहीं होतीं.
जब आपके क्रेनियम (Cranium) में दर्द होता है, तो आपको लगता है कि दिमाग में दर्द हो रहा है. असल में ऐसा होता नहीं है.
हैरानी की बात ये है कि दिमाग पूरे शरीर का दर्द महसूस कर लेता है. लेकिन उसके पास खुद का पेन रिसेप्टर नहीं होता.
सर दर्द होता क्यों हैं. इसकी कई वजहें हो सकती हैं. सूजा हुआ साइनस, लो ब्लड शुगर या सर में किसी चोट की वजह से.
असल में ज्यादातर सर दर्द रेफर्ड पेन कहलाता है. यानी दर्द कहीं और होता है, महसूस वो आपको कहीं और होता है.
सर दर्द की असली वजह शरीर में कहीं किसी और हिस्से में हो रहे दर्द से जुड़ा होता है. जैसे- जबड़ा, गर्दन, गला.
जब कहीं और दर्द होता है तो इसकी सूचना मासंपेशियों और नर्वस सिस्टम के जरिए दिमाग को पहुंचती है. तब दर्द का पता चलता है.
सर दर्द का एक रूप है टेंशन हेडेक. यानी आपके माथे पर या फिर सर के ठीक ऊपर दर्द होता है. ये दर्द चेहरे की मांसपेशियों के खिंचने से होता है.
ऐसा कई बार कंधे में खिंचाव, तनाव, क्रेनियल मांसपेशियों के टाइट होने पर होता है. ये दिमाग को संदेश देते हैं.
सर के चारों तरफ मौजूद मांसपेशियों के पेन रिसेप्टर्स को दर्द का पता चलता है. न कि दिमाग को पता चलता है.
लेकिन मांसपेशियों से निकला दर्द का संदेश आपके दिमाग को बार-बार हिट करता है, तो लगता है कि दर्द दिमाग में हो रहा है.
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