10 april 2025
aajtak.in
हम हमेशा अपने बड़े बुजुर्गों या पूर्वजों से सुनते आ रहे हैं कि माहवारी, मासिक धर्म या पीरियड्स के दौरान महिलाओं मंदिर में नहीं जाना चाहिए.
ऐसा माना जाता है कि महिलाएं माहवारी या मासिक धर्म के दौरान अपवित्र और अशुद्ध हो जाती हैं जिसके कारण उनका मंदिर में प्रवेश निषेध है.
इसके अलावा, मासिक धर्म या पीरियड्स के दौरान महिलाएं अंदरूनी रूप से बहुत ही कमजोर हो जाती है, जिसके कारण उन्हें इस समय आराम करने की भी सलाह दी जाती है.
माहवारी या पीरियड्स में महिलाओं को कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए, इसे लेकर मथुरा-वृंदावन के जाने माने गुरु प्रेमानंद महाराज ने अपनी राय रखी.
प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, 'मासिक धर्म में श्री जी की सेवा या रसोई सेवा निषेध या अपवित्र माना जाता है.'
'महिलाएं अपने शरीर को उसी पद्धति से चलने दें और अगर पद्धति से चलोगे तो आगे बढ़ोगे नहीं तो बुद्धि मलिन हो जाएगी.'
आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, 'मासिक धर्म के समय माताओं और बहनों को तीन दिन कम से कम ठाकुर सेवा और रसोई सेवा ये सब नहीं करना चाहिए. ये सब करने पवित्र होकर अपनी दिनचर्या में ही करें.'
कथावाचक जया किशोरी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी थी. उनके मुताबिक, 'पुराने समय में माहवारी के दिनों में स्वच्छता के ज्यादा साधन नहीं होते थे, जिसके कारण महिलाओं को कपड़े का प्रयोग करना पड़ता था. '
'इसलिए, तभी से महिलाओं को पीरियड्स के दौरान आराम करने की सलाह दी गई. लोगों ने समय के साथ इस बात को एक रूढ़िवादी सोच का दर्जा दे दिया जिसके कारण कुछ लोगों ने इसे महिलाओं के लिए एक नियम बना दिया. '