22 apr 2025
aajtak.in
हमारे बड़े-बुजुर्गों से यह बात अक्सर सुनने को मिलती है कि महिलाओं को माहवारी के दौरान मंदिर जाने से बचना चाहिए.
सनातन धर्म में यह धारणा है कि माहवारी के दौरान महिलाओं अशुद्ध हो जाती हैं इसलिए उन्हें मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाती.
कई घरों में ऐसा भी कहा जाता है कि पीरियड्स में अचार मत छुने या पूजा करने के लिए मना किया जाता है. इसी को लेकर जया किशोरी ने अपनी राय रखी.
जया किशोरी कहती हैं, 'कुछ चीजें जब बनाई गईं तो उसके पीछे कुछ कारण होते थे.'
' वैज्ञानिक नजरिए से अगर देखा जाए तो पीरियड्स में ज्यादा खटाई नहीं खानी चाहिए. ज्यादा खटाई सेहत के लिए हानिकारक मानी जाती है.'
'और ऐसी अवस्था में महिलाओं को खटाई खाना ज्यादा अच्छा लगता है इसलिए पुराने समय में कहा जाता था कि आचार छूना से खराब हो जाएगा. '
'लेकिन समय के साथ, लोगों ने इसे एक रूढ़िवादी सोच के रूप में अपनाया और कुछ ने इसके लिए नियम भी बना दिए.'
जया किशोरी उदाहरण देते हुए कहती हैं कि, 'जब स्वयं भगवान कृष्ण ने रजस्वला अवस्था में देवी द्रौपदी को स्पर्श किया था, तो हमें भी ऐसे पिछड़ी सोच में नहीं उलझना चाहिए. समय के साथ हमें अपनी सोच को भी बदलना चाहिए.'