7 July 2025
aajtak.in
प्रेमानंद महाराज जी देश-विदेश के जाने माने बाबा हैं. लोग इनके पास अपनी हर तरह की समस्या का समाधान मांगने आते हैं.
वहीं, प्रेमानंद महाराज के पास एक व्यक्ति अपनी जीवन से जुड़ी समस्या लेकर पहुंचा. उस व्यक्ति ने प्रेमानंद महाराज से कहा कि क्या कोई व्यक्ति हमारा अहित कर सकता है और क्या उसमें अहित करने की शक्ति है.
इस पर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर दिया कि, 'विश्व में कोई ऐसा पैदा नहीं हुआ है जो कि हमारा अहित कर सके. बल्कि, हमारे कर्म ही हमसे अहित करवाते हैं.'
'आपके कर्म आपके सामने व्यक्ति रूप में आ सकते हैं, घटना रूप में आ सकते हैं, परिस्थिति के रूप में भी आ सकते हैं. अगर आपने गलत किया है तो आपका कर्म कोई भी रूप धारण करके आपसे अहित करा सकता है.'
'हमारा कर्म ही किसी व्यक्ति के रूप में आकर हमसे छल करेगा, हमसे कपट करेगा, हमसे लड़ाई करेगा और हमारे साथ मारपीट करेगा.'
'हमारे बुरे कर्म हमारे जीवन में विपत्ति भी पैदा कर सकते हैं. इसलिए, हमें अपने कर्मों को सुधारना होगा.'
आगे प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि, ' कर्म में सुधार करने के लिए हमें हर व्यक्ति के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए. साथ ही, भगवान का नाम-जप करना चाहिए और सेवा का कार्य भी करना चाहिए.'
'जब आप ये कार्य करेंगे तभी आपके कर्मों में सुधार हो पाएगा और तब आप भगवान के करीब भी जा पाएंगे.'