मथुरा के वृंदावन में प्रवचन करने वाले प्रेमानंद महाराज ने हाल ही में बताया है कि अगर कोई गिफ्ट में भगवान की मूर्ति दे तो हमें क्या करना चाहिए.
प्रेमानंद महाराज से जब एक भक्त पूछता है, 'बहुत सारे लोग तोहफे में प्रभु की मूर्तियां आदि दे देते हैं. जन्मदिन के अवसर पर भी कई बार भगवान की मूर्ति या फोटो गिफ्ट कर देते हैं.
घर में तो एक ही विराजमान कर सकते हैं. पता लगता है धीरे-धीरे 10-15 मूर्तियां हो गईं हैं. हमें क्या करना चाहिए?
इसका जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'गिफ्ट में मूर्तियां नहीं लेनी चाहिए. हम इस मूर्ति को किसे देंगे? अगर किसी को दे भी रहे हैं तो क्या पता वो कैसा व्यवहार करेगा.'
प्रेमानंद महाराज कहते हैं, 'मुझे जब कोई गिफ्ट देता है तो हम पूछते हैं इस गिफ्ट में क्या है? हमारे घर में पहले से ही एक भगवान जी विराजमान हैं.
प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं, 'गिफ्ट में भगवान की मूर्ति ना ही किसी को दें और ना ही किसी से लें. अगर कोई दे रहा है तो आप उनका दर्शन कर लीजिए.
उस मूर्ति को प्रणाम कर लीजिए फिर उन्हें ही वापस कर दीजिए. ठाकुर विराजमान का मतलब उनकी सेवा भी है. ऐसा थोड़ी है कि मूर्ति घर में रख लिए हैं और धूल पड़ रही है.