19 June 2025
aajtak.in
सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है. मान्यता है कि खुशहाल जीवन के लिए वास्तु के नियमों का पालन जरूरी होता है.
कई बार व्यक्ति कड़ी मेहनत करने के बावजूद भी मनचाहा फल प्राप्त नहीं कर पाता है. शास्त्रों के अनुसार, इसका एक कारण वास्तु दोष हो सकता है.
ऐसे में आइए जानते हैं कि किन उपायों को अपनाकर आप वास्तु दोष को दूर कर सकते हैं.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, जीवन पर दिशाओं का गहरा प्रभाव पड़ता है. उत्तर दिशा को जल की दिशा माना जाता है. ऐसे में घर में बोरिंग, वाटर फाउंटेन या पानी की टंकी को हमेशा उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए. इसके साथ तिजोरी या धन को भी उत्तर दिशा में ही रखना चाहिए.
पूर्व दिशा को हमेशा साफ और खाली रखें, ताकि सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहे. साथ ही दक्षिण दिशा को साफ-सुथरा रखना चाहिए. ऐसा करने से फिजूल खर्चे कम होते है और आर्थिक मजबूती आती है.
माना जाता है कि किचन के ठीक सामने बाथरूम नहीं बनवाना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और आर्थिक नुकसान हो सकता है.
साथ ही घर में कभी भी बंद या खराब घड़ी नहीं होना चाहिए क्योंकि यह रुकावट का संकेत देती है.
माना जाता है कि जिस घर में पूजा-पाठ या भगवान का नाम नहीं लिया जाता है, तो वहां नकारात्मकता बनी रहती है. नियमित पूजा और मंत्र-जाप से घर में लक्ष्मी का वास होता है.
यदि घर में लगातार पानी बर्बाद हो रहा, इसे शुभ संकेत नहीं माना जाता है. यह आर्थिक हानि और अस्थिरता का संकेत देता है. ऐसे में लीकेज तुरंत ठीक कराएं.